अजमेर शरीफ में संकट मोचन मंदिर होने के दावे को लेकर विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा- यह सत्य है कि 1100-1200 साल पहले कईं श्रद्धा के केंद्र इधर-उधर हुए हैं। मामला कोर्ट में हैं और कोर्ट को इसका निर्णय करने दें सभी उसकी पालना भी करें इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।वहीं इस मामले पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने भी अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा- जिन लोगों की आस्था है। वह किसी कारण नष्ट किए गए या हमला करके नष्ट किए गए। ये सब कोर्ट का विषय है। जो कोर्ट निर्णय देगी सरकार उसी की पालना करेगी। हमारा ध्येय है कि विरासत का संरक्षण हो, प्रदेश प्रगति के पथ पर चले। अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका बुधवार (27 नवंबर) को अजमेर सिविल कोर्ट ने स्वीकार कर ली थी। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से यह याचिका लगाई गई है। इसे लेकर सिविल कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस भेजा है। मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।