दुर्घटनाग्रस्त होने से बची कोटा-हिसार, ट्रेन से निकला धुंआ व चिंगारी
केशोरायपाटन
गुडला में खड़ी रही 2 घंटे, पॉइंट्समैन की सतर्कता से टला बड़ा हादसा_
केशव राय पाटन हिसार ट्रेन (19807) आधी रात को दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गई। दौड़ती ट्रेन से अचानक धुंआ और चिंगारी निकलने लगी। घटना का पता चलते ही ट्रेन को गुडला रेलवे स्टेशन में रोका गया। बाद में धुएं और चिंगारी पर काबू के बाद ट्रेन को आगे रवाना किया।अधिकारियों ने बताया कि कोटा से यह ट्रेन रात करीब 11:50 बजे रवाना हुई थी। ट्रेन रवाना होते ही अचानक गार्ड के डिब्बे के ब्रेक ब्लॉक जाम हो गए। इसके चलते ब्रेक ब्लॉक पहिए से चिपक गए। ऐसे में लगातार घर्षण होने से पहिए और ब्रेक ब्लॉक से तेजी से धुंआ और चिंगारी निकलने लगी। घटना के समय तेजी से दौड़ती ट्रेन रात 12 बजे गुडला स्टेशन पार कर रही थी। तभी यहां गार्ड-ड्राइवर से ऑल राइट मिलाने के लिए खड़े पॉइंट्समैन राजेश कुमार की नजर अचानक गार्ड के डिब्बे से तेजी से निकलते धुंए और चिंगारी पर पड़ी। खतरा भांपकर राजेश ने वॉकी-टॉकी पर ड्राइवर को तुरंत ट्रेन रोकने को कहा। अनहोनी की आशंका से आपातकालीन ब्रेक लगाते हुए ड्राइवर ने ट्रेन को मौके पर ही खड़ा कर दिया। इसके बाद स्टेशन उपाधीक्षक रजनीश मीणा, गार्ड, ट्रेन ड्राइवर तथा एक अन्य पॉइंट्समैन ताराचंद आदि कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर डिब्बे की जांच की। इस जांच में सभी को ब्रेक ब्लॉक पहिया से चिपके नजर आए। इसके बाद कर्मचारियों द्वारा ब्रेक ब्लॉक को रिलीज करने की कोशिश की। लेकिन काफी प्रयास के बाद भी कर्मचारी इस काम में सफल नहीं हो सके। इसके बाद मामले की सूचना कोटा कंट्रोल रूम और अधिकारियों को दी गई।
सूचना पर कोटा से कैरिज विभाग के कर्मचारियों को गुड़ला रेलवे स्टेशन भेजा गया। आधी अधूरी तैयारी के साथ गुड़ला रेलवे स्टेशन पहुंचे इन कर्मचारियों की काफी कोशिशें के बाद भी ब्रेक सिस्टम ठीक नहीं हो सका। बाद में पूरे औजारों के साथ कोटा से और कर्मचारियों को गुड़ला रेलवे स्टेशन भेजा गया। इसके बाद काफी प्रयास के बाद डिब्बे की खराबी दूर हो सकी और ब्रेक रिलीज किया जा सके। इसके बाद गाड़ी आगे के लिए रवाना हुई।इस घटना के चलते यह ट्रेन गुड़ला रेलवे स्टेशन में करीब 2 घंटे खड़ी रही। इस दौरान रेल संचालन प्रभावित रहा। कोटा से रवाना हुई उदयपुर-निजामुद्दीन मेवाड़ एक्सप्रेस भी करीब आधे घंटे तक गुड़ला रेलवे स्टेशन के पास खड़ी रही। बाद में कोटा-हिसार ट्रेन को वापस पीछे लेकर रास्ता साफ किया गया। इसके बाद मेवाड़ और अन्य ट्रेनों को लूप लाइन से निकला गया। ट्रेन लेट होने से यात्री परेशान होते रहे।