शेखावाटी सहित राज्य के लगभग पंद्रह लाख युवा तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। नई सरकार बनने के बाद अभी शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं हुआ है। साथ ही लाखों युवा इस असमंजस में भी हैं कि भर्ती इस बार पहले की तरह रीट से होगी या सीधी भर्ती होगी। अगर सीधी भर्ती हुई तो इसका सलेबस क्या रहेगा। जबकि राज्य में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लगभग तीस हजार से ज्यादा पद खाली हैं। यह हाल तो तब हैं, जब नए खुले स्कूलों में पद मंजूर नहीं हुए। अगर पद मंजूर होते हैं तो इनकी संख्या और बढ़ जाएगी। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कुछ माह पहले यह संकेत दिए थे कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती एक ही परीक्षा से करवाई जानी चाहिए। इस बयान के बाद लाखों युवा असमंजस में हैं कि वे रीट की तैयारी करें या सीधी भर्ती परीक्षा की। युवाओं का कहना है कि शिक्षक भर्ती के लिए युवाओं को दो परीक्षा देनी पड़ती है, पहले रीट इसके बाद मुख्य शिक्षक भर्ती परीक्षा। बार-बार पेपर लीक होने, आचार संहिता व अन्य कारणों से कई बार ऐसा हुआ है कि लम्बा समय बीतने के बावजूद शिक्षक भर्ती परीक्षा समय पर नहीं हो रही। इसका असर शैक्षणिक कार्य पर भी पड़ता है। अभी लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में जून के पहले सप्ताह तक को भर्ती नहीं निकल सकती है। इसके बाद ही इस पर आगे की कार्रवाई हो सकती है। शिक्षकों की भर्ती एक ही परीक्षा से होनी चाहिए। इससे समय बचता है। नई भर्ती में खिलाड़ियों को दो फीसदी कोटा दिया जाना चाहिए। रीट का सबसे ज्यादा नुकसान खिलाड़ियों को हुआ है। क्योंकि पिछली कांग्रेस सरकार ने रीट में खिलाड़ियों को कोटा नहीं दिया। अब सीधी भर्ती में खिलाड़ियों को दो फीसदी आरक्षण मिलेगा।राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तीस हजार से ज्यादा पद खाली हैं। पद भरने से सरकारी स्कूलों की शिक्षण व्यस्था बेहतर होगी। वहीं तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों के भी 1895 पद खाली चल रहे हैं। इनको भरने से बच्चे खेलों में आगे बढ़ेंगे।