विश्वेंद्र सिंह भरतपुर रियासत के अंतिम शासक बृजेन्द्र सिंह के बेटे हैं. वह राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे पर मारपीट करके घर से निकालने का आरोप लगाया है. उन्होंने यहां तक कहा है कि उसकी पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह उन्हें खाना तक नहीं देते. आखिरकार विश्वेंद्र सिंह ने उपखंड अधिकारी के ट्रिब्युनल में प्रार्थना पत्र देकर भरण पोषण खर्च की मांग की है.  वहीं विश्वेंद्र सिंह की पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि यह पूरा मामला महाराजा सूरजमल की प्रॉपर्टी को लेकर है. उन्होंने विश्वेंद्र सिंह पर पूरी प्रॉपर्टी बेचने और डॉक्यूमेंट पर फर्जी सिग्नेचर करवाने का आरोप लगाया है. विश्वेंद्र सिंह पर आरोप है कि वह मोती महल को भी बेचना चाहते थे और उसे बचाने के लिए यह पूरा विवाद हुआ है. पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और बेटे ने गाली-गलौज कर उनके सामान को बाहर फेंक दिया. यही नहीं, उन्होंने चाय-पानी और खाना भी देना बंद कर दिया. बिना अनुमति के घर से बाहर आने-जाने भी नहीं देते. विश्वेंद्र सिंह ने कहा है कि इस वजह से उन्हें घर छोड़कर जाना पड़ा. अब वह कभी सरकारी आवास तो कभी होटल में रहने को मजबूर हैं.