Maruti 800 के 40 साल पूरे हो गए हैं। कई सालों बाद मारुति ऑल्टो 800 की पहली कार को खोजकर उसे रिस्टोर किया गया है। मारुति ने इसे अपने मुख्यालय की शोभा बढ़ाने और भारत में अपने इतिहास को याद रखने के लिए इस रिस्टोर किया है। यहां हम आपको मारुति की पहली कार के जर्नी के बारे में डिटेल में जानकारी दे रहे हैं।
एक समय था जब भारत की ऑटो इंडस्ट्री काफी स्लो थी। 80 के दशक तक चार पहिया गाड़ियों का चलन बिल्कुल भी नहीं था। 80 के दशक में मारुति की गाड़ियों से किसी के हैसियत का पता लगता था। अगर किसी के घर चार पहिया पहुंची थी तो लोग उसे देखने के लिए बहुत दूर-दूर से आते थे। भारत की सबसे पहली हैचबैक मारुति ऑल्टो थी, जिसे लाने के लिए प्रधानमंत्री संजय गांधी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। आइये जानते हैं देश की पहली हैचबैक मारुति ऑल्टो के बारे में।
इतने रुपये में लॉन्च हुई थी पहली हैचबैक कार
देश की पहली हैचबैक को महज 47,500 रुपये में लॉन्च किया गया था। इस समय इस कीमत में इलेक्ट्रिक साइकिलें मिला करती हैं। मारुति 800 के लॉन्च होते ही ये कार आम आदमी के लिए एक स्टेटस सिंबल बन गया था। कम कीमत होने की वजह से इसकी बिक्री भी साल दर साल बढ़ने लगी थी।
इस शख्स ने खरीदी थी पहली हैचबैक कार
1983 की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 14 दिसंबर 1983 को मारुति 800 की पहली गाड़ी की चाबी नई दिल्ली के हरपाल सिंह को दी थी। ये इतिहास में पहली बार था जब कोई प्रधानमंत्री खुद किसी गाड़ी की चाबी ग्राहक को अपने हाथों से दे रहा हो।