नई दिल्ली,  मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। मानसून सत्र के पहले और दूसरे दिन सदन में भी विपक्ष ने खूब हंगामा किया गया। इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि इस साल महिलाओं को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिस जागरूकता और अनुसंधान कार्यक्रम का थीम जनजातीय महिलाओं के आधार पर रखा गया है।

'महिलाओं की विमुक्त जनजातियों' रखी गई थीम

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, "विमुक्त जनजातियों में महिलाएं पिछड़ गई हैं, इसलिए, हमने इस वर्ष के जागरूकता और अनुसंधान कार्यक्रमों के लिए 'महिलाओं की विमुक्त जनजातियों' का एक सामान्य थीम रखा है। यह उस श्रृंखला का पहला कार्यक्रम था, मैंने मणिपुर का दौरा किया और दोनों जनजातियों के महिला संघों और पीड़ितों से मुलाकात की और अब मैं सरकार को रिपोर्ट सौंपूंगी।"

अधिकारियों से नहीं मिली प्रतिक्रिया

इस मामले को लेकर कुछ दिन पहले रेखा शर्मा ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। रेखा शर्मा ने बताया कि उन्होंने मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को लेकर पिछले तीन महीनों में तीन बार अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला। सूत्रों ने बताया कि पिछले 3 महीनों में NCW को प्राप्त शिकायतें महिलाओं के खिलाफ अपराध और हिंसा से संबंधित थीं, जिनमें दुष्कर्म और महिलाओं के घरों को आग के हवाले करना भी शामिल है।

घटना को स्वत: संज्ञान में लिया

अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि चार मई का एक वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था। जिसके बाद उन्होंने शुक्रवार को घटना का स्वत: संज्ञान लिया और अधिकारियों से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा था।  रेखा शर्मा ने मणिपुर के प्राधिकारियों को भेजे पत्र भी साझा किए। ये पत्र 18 मई, 29 मई और 19 जून को लिखे गए थे।