नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अमेरिका में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक (First Republic Bank) पर एक बार फिर से संकट के बादल मंडराते हुए नजर आ रहे हैं। अमेरिकी नियामकों की ओर से टेकओवर की खबरों के बीच बैंक के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है और शेयर अब तक निचले स्तरों के पर पहुंच गए हैं। बैंक का शेयर शुक्रवार को 43 प्रतिशत और पिछले पांच कारोबारी सत्रों में 75 प्रतिशत तक फिसल चुका है।

सिलिकॉन वैली बैंक (Sillicon Velly Bank) और सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) के डूबने के बाद अमेरिका यह तीसरा बैंक है, जो संकट में आ गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फर्स्ट रिपब्लिक को बचाने के लिए अमेरिकी नियामकों जैसे एफडीआईसी, ट्रेजरी डिपार्टमेंट और फेडरल रिजर्व आदि आपस में बातचीत कर रहे हैं।

कैसे संकट में आया First Republic Bank?

इस हफ्ते सोमवार को फर्स्ट रिपब्लिक बैंक की ओर से पहली तिमाही के नतीजे जारी किए गए थे। सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने से पहले 9 मार्च 2023 को बैंक में 173 अरब डॉलर की जमा थी, जो कि 21 अप्रैल को गिरकर 102.7 अरब डॉलर की रह गई है। वहीं, जनवरी से मार्च में 100 अरब डॉलर की निकासी देखने को मिली है, जिससे इस बैंक की फाइनेंशियल स्थिति पर हर किसी को संदेह हो रहा है।

बता दें, अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के बंद होने के बाद फर्स्ट रिपब्लिक बैंक में जमा की निकासी का सिलसिला बना हुआ है। इस कारण बैंक कैपिटल की कमी से जूझ रहा है। फिच रेटिंग और एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को भी डाउनग्रेड कर दिया है।

बैंक को मिल रही मदद

फर्स्ट रिपब्लिक बैंक अपनी कैपिटल की जरूरत को पूरा करने के लिए फेडरल रिजर्व और फेडरल होम लोन बैंक आदि से लोन ले चुका है। साथ ही जेपी मॉर्गन से भी क्रेडिट लाइन ली गई है और 11 बैंकों ने मिलकर कुल 30 अरब डॉलर का कैपिटल इस बैंक को दिया था।