कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को एक दिन का अनशन करने के बजाय राजस्थान विधानसभा में भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग उठानी चाहिए थी। रंधावा ने पार्टी नेताओं की एक दिवसीय वर्कशॉप शुरू होने से पहले ये बात कही है।
पायलट को विधानसभा में उठानी चाहिए थी मांग- रंधावा
वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि वह बारीकी के साथ देख रहे हैं कि कौन लोग पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और कौन लोग इसके लिए समस्याएं पैदा कर रहे हैं। उन्होंने इस दौरान कहा कि पायलट को अपनी आवाज विधानसभा में उठानी चाहिए थी क्योंकि विधानसभा से बड़ा कोई मंच नहीं है। यहां मुख्यमंत्री, सभी कांग्रेस विधायक और विपक्ष मौजूद था। उन्हें पूछना चाहिए था कि हमारी सरकार ने आज तक क्या किया है।
एक दिन के उपवास पर बैठे थे सचिन पायलट
बता दें कि पूर्व की वसुंधरा राजे सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार की शिकायतों पर गहलोत सरकार द्वारा निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए पायलट ने पिछले हफ्ते जयपुर में एक दिन का उपवास रखा था। इसे लेकर केंद्रीय नेतृत्व ने उनसे अपने रुख पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था और यहां तक कि उनके इस कदम को ऐसे समय में 'पार्टी विरोधी गतिविधि' करार दिया था।
चिट्ठियों का परिणाम न आने पर अनशन पर बैठा- पायलट
इसके लिए राष्टपति को भी चिट्ठी लिखी गई थी। हमारी सरकार को चार साल हो गए हैं। बहुत चिट्ठियां लिखी गईं लेकिन परिणाम कुछ नहीं आया। इसीलिए मैंने अनशन किया। उन्होंने कहा कि इस पर जांच होनी चाहिए। पायलट ने कहा कि कांग्रेस ने 2013 से 2018 तक बीजेपी शासन के दौरान भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और 2018 के विधानसभा चुनाव में वादा किया कि अगर पार्टी राजस्थान में सरकार बनाती है तो इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।