नई दिल्ली, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होने की अफवाहों पर अब विराम लग गया है। अजीत पवार ने खुद ही साफ किया कि वो एनसीपी छोड़ बीजेपी का दामन थामने नहीं जा रहे हैं। अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होने की अफवाहों को बल तब मिला, जब कुछ दिनों पहले अचानक उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ कर सबको चौंका दिया था। साथ ही उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का भी समर्थन किया था। कहा जा रहा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार की पार्टी में टूट रोकने में अहम भूमिका है। बीती शाम मुंबई में आयोजित एनसीपी की इफ्तार पार्टी में चाचा शरद और भतीजे अजीत पवार ने शामिल होकर संदेश दिया... 'हम साथ-साथ हैं।'
कई विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होने की अफवाह
राजनीतिक गलियारों में अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा थीं। चर्चा ये भी थी कि अजीत पवार के साथ 35 से 40 विधायक भी बीजेपी में जा सकते हैं। हालांकि, मंगलवार को उन्होंने इन अफवाहों का खंडन कर दिया।
मरते दम तक एनसीपी में रहूंगा: अजीत पवार
इन अफवाहों के बाद अजीत पवार ने अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्हें सफाई देने के लिए मीडिया के सामने आना पड़ा। अजीत पवार ने कहा कि मैं मरते दम तक एनसीपी में रहूंगा। अजीत ने ये भी कहा कि मैं अपनी पार्टी और शरद पवार के लिए वफादार हूं। जो शरद पवार कहेंगे, मैं वो ही करूंगा। दरअसल, ऐसी भी चर्चाएं थी कि अजीत पवार ने अपने समर्थक विधायकों की मुंबई में बैठक बुलाई थी। हालांकि, अजीत पवार ने कहा था कि ये विधायक सामान्य काम के सिलसिले में मिलने आए थे।
अजीत के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा क्यों?
अभी कुछ दिनों पहले अजीत पवार ने पीएम मोदी और उनके नेतृत्व की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा साल 2019 में सत्ता में लौटी और उनके खिलाफ विभिन्न टिप्पणियों के बावजूद वह लोकप्रिय होते रहे। इतना ही नहीं, उन्होंने ईवीएम का भी समर्थन किया था। इसके बाद उन्होंने सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात भी की। यहां तक कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने उन्हें एनडीए में आने का न्योता भी दे दिया था।
पहले भी बगावत कर चुके हैं अजीत पवार
अजीत पवार पहले भी बगावती तेवर दिखाकर एनसीपी को मुश्किल में डाल चुके हैं। साल 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अजीत पवार ने देवेंद्र फडणवीस से मिलकर सरकार बनाने की पेशकश कर दी थी। तब देवेंद्र फडणवीस ने सीएम तो अजीत ने डिप्टी सीएम की शपथ ली थी। हालांकि, उस वक्त भी शरद पवार ने बीजेपी के अरमानों पर पानी फेर दिया था और अजीत को वापस एनसीपी में लेकर आए।