Atiq Ahmed Murder Case : प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में तुर्किये की जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल कोई पहली बार नहीं हुआ है बल्कि हाल के वर्षों में कई बड़ी वारदातों में इसका इस्तेमाल किया गया है। जिगाना व अन्य विदेशी पिस्टल की कीमत अधिक होती है।

ऐसे में हथियार तस्करों से विदेशी पिस्टल बड़े व मध्यम दर्जे के गैंगस्टर ही खरीदते हैं। आस्ट्रिया की ग्लाक हो या तुर्किये की जिगाना, अमेरिका की तोरस या चीन की स्टार आदि ये सभी पिस्टल पहले पाकिस्तान ही पहुंचती हैं। वहां से नेपाल व अन्य कई रास्तों से भारत में पहुंचाई जाती हैं। पहले विदेशी पिस्टल ड्रोन के जरिये सीमापार से पंजाब में आती थीं। वहां से तस्कर डिलीवरी लेकर देशभर के गैंगस्टरों को बेच देते थे।

कुछ वर्षों से जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल करने लगे हैं गैंगस्टर

अब विदेशी पिस्टल का सबसे बड़ा रूट नेपाल बन गया है। पाकिस्तानी तस्कर हवाई मार्ग से विदेशी पिस्टल नेपाल पहुंचा देते हैं वहां से भारतीय तस्कर उसे सड़क मार्गों से यूपी व बिहार के रास्ते अन्य राज्यों में लाकर गैंगस्टरों को बेचते हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की मानें तो पिछले कई वर्षों से दिल्ली-एनसीआर समेत पड़ोसी राज्यों के सभी गैंगस्टर जिगाना समेत अन्य विदेशी पिस्टल का इस्तेमाल करने लगे हैं।.

दिल्ली पुलिस का कहना है कि पहले पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन व दिल्ली गेट स्थित आंबेडकर स्टेडियम से लाहौर के लिए चलने वाली बस सेवा से विदेशी हथियारों की स्मगलिंग होती थी। शुरुआत में यह ट्रेन अमृतसर से लाहौर तक के लिए चली थी। 80 के दशक में पंजाब में तनाव बढने के बाद भारतीय रेलवे ने इसका अटारी से संचालन बंद कर दिया और यह पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलने लगी।

कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस को हमेशा के लिए बंद करने की घोषणा की जिसके बाद अगस्त 2019 में इसे बंद कर दिया गया। उसी साल पाकिस्तान के पर्यटन विकास निगम ने डीटीसी के अधिकारी को फोन कर बस सेवा भी बंद करने की सूचना दी। ट्रेन व बस से बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान जाते-आते थे।

पाकिस्तान से हथियार तस्कर मीट के बड़े बर्तन में गोपनीय केविटी बना उसमें विदेशी पिस्टल छिपाकर भारत लाते थे। कई बार जांच एजेंसियों ने तस्करों को दबोचकर उनके कब्जे से विदेशी हथियार जब्त किए थे। पुलिस का कहना है कि ट्रेन व बस से दो-चार हथियार ही तस्कर पाकिस्तान से ला पाते थे। ये दोनों सेवाएं बंद हो जाने पर 2019 के बाद विदेशी हथियारों की तस्करी पर लगाम लग गई थी

कैराना भी रहा है तस्करों का ठिकाना

मुजफ्फरनगर के कैराना में पाकिस्तान से तस्कर विदेशी हथियार पहुंचाते रहे हैं। यहां रहने वालों की रिश्तेदारियां पाकिस्तान में हैं। इसका फायदा उठाकर तस्कर हथियार भेजने में कामयाब हो जाते हैं। कई बार जांच एजेंसी कैराना में तस्करों को दबोचकर उनसे विदेशी पिस्टल बरामद कर चुकी है। पाकिस्तान से कैराना में अभी भी विदेशी पिस्टल पहुंच रही हैं। पहले कैराना में बहुत ज्यादा विदेशी पिस्टल की तस्करी होती थी, लेकिन कुछ वर्षों में इस पर लगाम लगाने में मदद मिली है।

पुलिस के मुताबिक करतारपुर कोरिडोर जाने की आड़ में भी तस्कर पाकिस्तान से विदेशी पिस्टल की तस्करी करते हैं। पिछले सालों में नेपाल में बने तस्करी के ठिकाने जून 2018 में उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस ने सीलमपुर के रहने वाले सलीम मोहम्मद उर्फ पिस्टल को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 26 जिगाना की पिस्टल व 800 कारतूस बरामद किए थे।

जांच से पता चला था कि उसने पाकिस्तान के तस्कर से सीधी बात कर पिस्टल की बड़ी खेप मंगाई थी। पाकिस्तानी तस्कर ने इनको हवाई मार्ग से नेपाल पहुंचाया था। वहां से एक सप्ताह बाद उसने गिरोह के सदस्यों को भेजकर यूपी के रास्ते सड़क मार्ग से पिस्टल मंगा ली थीं। पुलिस का कहना है कि नेपाल हाल के वर्षों में सबसे बड़ा ठिकाना बन चुका है।

पाकिस्तानी तस्करों के नेपाल में अपने-अपने ठिकाने हैं जहां वे भारतीय तस्करों की मांग के अनुसार विदेशी पिस्टल पहुंचा देते हैं। वहां से भारतीय तस्कर उसे भारत लाकर गैंगस्टरों को महंगी दरों में बेच देते हैं। मूसेवाला की हत्या में भी इस्तेमाल हुई थी जिगाना पिस्टल लखनऊ, कानपुर, मेरठ, खुर्जा, नोएडा, दिल्ली व पंजाब के कई ऐसे बड़े तस्कर हैं जो पाकिस्तान से अक्सर बडी संख्या में नेपाल के रास्ते विदेशी पिस्टल मंगवा कर गैंगस्टरों को बेचते हैं। लेकिन, वे कभी पकड़े नहीं जाते

जिगाना पिस्टल की खासियत

  • भारत में मध्य प्रदेश, बिहार व यूपी में बनी अवैध पिस्टल से लगातार तीन से चार राउंड ही फायर किए जा सकते हैं। देशी मेड पिस्टल कई बार घोखा भी दे जाती है। गोली बैरल में फंस जाती है।
  • जिगाना पिस्टल से लगातार दर्जनों फायर किए जा सकते हैं। यह झटका नहीं लेती है जिससे इसका निशाना अचूक होता है। इसलिए किसी बड़े टारगेट पर गैंगस्टर जिगाना जैसे विदेशी पिस्टल का इस्तेमाल करते हैं ताकि निशाना अचूक रहे।
  • जिगाना हल्की होती है, इनमें माडिफाइड ब्राउनिंग-टाइप लाकिंग सिस्टम होता है।
  • ट्रिगर यूनिट डबल-एक्शन टाइप होती है। इसमें एक्सपोज्ड हैमर और स्लाइड-माउंटेड सेफ्टी होती है साथ ही आटोमेटिक फायरिंग पिन ब्लाक और थ्री-डाट फिक्स्ड साइट होता है। इसमें डबल-स्टैक मैगजीन रखी जा सकती है। स्टैंडर्ड की क्षमता 15 राउंड और एक्सटेंडेड की क्षमता 17 राउंड होती है। इसकी गोली कभी फंसती नहीं है।
  • तुर्किये की बनी जिगाना की कीमत चार से पांच लाख है। तस्कर गैंगस्टरों से अपने संबंध के अनुसार पैसे लेते हैं।

दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़ी जिगाना पिस्टल-

  • जनवरी 2022 में जितेंद्र उर्फ गोगी गिरोह के शूटर करमवीर को जिगाना पिस्टल और 20 जिंदा कारतूस के साथ पकड़ा गया।
  • अक्टूबर 2021 में गोगी-लारेंस बिश्नोई के चार शूटर 9 पिस्टल के साथ पकड़े गए। इनमें जिगाना भी थी। इनके 123 कारतूस भी मिले थे।
  • अप्रैल 2021 में लारेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी के पांच शूटर पकड़े गए। इनके पास से दो जिगाना पिस्टल मिली थीं।
  • नवंबर 2020 में यमुनापार के गैंगस्टर हाशिम बाबा को जिगाना पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया गया।
  • मार्च 2020 में जितेंदर गोगी, कुलदीप फज्जा और रोहित मोइ को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर उनके पास से तीन जिगाना पिस्टल बरामद की गईं।

गौरतलब है कि पंजाबी गायक सिद्ध मूसेवाला की हत्या में भी जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल हुआ था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने लारेंस गिरोह के शूटरों को पिस्टल मुहैया कराने के आरोप में खुर्जा के अरबाज को गिरफ्तार किया था। अरबाज अपने दो सगे भाई रिजवान व रहमान के साथ पाकिस्तान से जिगाना पिस्टल मंगवाकर गैंगस्टरों को बेचता था