नाबालिग का अपहरण कर उसे बंदी बनाने तथा उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में थाना साहनेवाल पुलिस ने वकील को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पखोवाल रोड के ग्रीन एवेन्यू इलाके की गली नंबर 2 में दबिश देकर बंदी बना कर रखी नाबालिग को भी मुक्त करा लिया। आराेपित के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म तथा पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करके सोमवार उसे अदालत में पेश किया। जहां से दो दिन का रिमांड हासिल करने के बाद कड़ी पूछताछ की जा रही है।

52 साल का है आरोपित वकील 

इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह बोपाराय ने बताया कि उसकी पहचान किला रायपुर निवासी एडवोकेट राजिंदर सिंह उर्फ गोरा (52) के रूप में हुई। पुलिस ने जुगियाना की काका कालोनी निवासी व्यक्ति की शिकायत पर उसके खिलाफ उक्त केस दर्ज किया। अपने बयान में उसने बताया तीन साल पहले उसका एक्सीडेंट हो गया था। उसके क्लेम संबंधी कोर्ट में केस चल रहा है। एडवोकेट राजिंदर सिंह उस केस की पैरवी कर रहा है। शिकायतकर्ता की 16 वर्षीय नाबालिग बेटी भी केस की पैरवी संबंधी उक्त वकील के पास जाती रही।

घर लौट कर नहीं आई बेटी 

इसी बीच राजिंदर सिंह ने उसकी बेटी को अपने पास काम पर रख लिया। शिकायतकर्ता जब बीमार हो गया तो वो उसे व उसकी बेटी को अपने घर ले गया। जहां 10 अप्रैल की रात वो उसकी बेटी को अपने कमरे में ले गया। उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया। उसकी बेटी ने सुबह रात की घटना के बारे में शिकायतकर्ता को बताया तो वो उसे लेकर अपने घर लौट गया। उसके बाद जब उसकी बेटी किसी काम से कोर्ट कांप्लेक्स गई तो लौट कर वापस नहीं आई। उसे पूरा यकीन है कि आरोपित ने अपनी शारीरिक हवस को मिटाने के लिए उसकी बेटी को अगवा कर बंदी बना कर रखा हुआ है।

जबरदस्ती बंद करके रखा गया था

इंद्रजीत सिंह ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जब आरोपित के ग्रीन एवेन्यू स्थित किराए के मकान में दबिश दी तो वहां से नाबालिग मिल गई। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसे जबरदस्ती वहां बंद करके रखा गया था। आरोपित लगातार 5 दिन उसे अपनी हवस का शिकार बनाता रहा था। इंद्रजीत सिंह ने बताया कि अब तक का रिकॉर्ड चेक करने पर पता चला है कि आरोपित पुराना महारथी है। इससे पहले उस पर दुष्कर्म, लूटपाट तथा नशा तस्करी के 8 केस दर्ज हैं। जिनमें वो जेल काट चुका है। उसकी एलएलबी की डिग्री चेक की जाएगी। बार एसोसिएशन से भी उसके बारे में जानकारी मांगी जाएगी और उसका लाइसेंस कैंसिल कराने के लिए लिखा जाएगा।