भोजपुर जिले के आरा शहर के महावीर टोला स्थित एक निजी नेत्र अस्पताल में एक महिला के मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद उसकी एक आंख की रोशनी चली गई। शुक्रवार की रात स्वजन ने लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल में जमकर हो-हंगामा किया। बाद में नवादा थाना समेत अन्य थानों की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को किसी तरह संभाला। शाम में करीब पांच बजे डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए जमा कराए पैसे परिजन को रिटर्न कर दिया और बोला गया गया कि अब इनकी आंख की रोशनी नहीं आएगी। यह सुनते ही स्वजन का आक्रोश भड़क उठा। स्वजन ने नेत्रालय क्लिनिक में जमकर हंगामा शुरू कर दिया। ऑपरेशन में लापरवाही बरतने के कारण आंख की रोशनी खत्म होने का आरोप लगा रहे थे। मांग कर रहे थे कि आंख की रोशनी पहले की तरह वापस लौटाया जाए।
किसी दूसरे डाक्टर ने किया महिला का ऑपरेशन
पीड़ित महिला चंपा देवी की बहू रिंकू देवी ने कहा कि उनकी सास ने बताया कि ऑपरेशन थिएटर में प्रसिद्ध चिकित्सक के बदले कोई महिला चिकित्सक थी। हालांकि, डा.एस.के. केडिया ने कहा कि उन्होंने खुद महिला का ऑपरेशन किया है। अस्पताल में चार डॉक्टर हैं। कोई भी ऑपरेशन कर सकते हैं। सभी प्रशिक्षित डॉक्टर हैं।ऑपरेशन के दौरान डा. अभिषेक और डा. शिल्पी ओटी में मौजूद थे। डॉक्टर ने बताया कि महिला की आंख में जटिलता थी। मरीज को एक्सपल्सिव हेमरेज कैटरेक्ट सर्जरी की समस्या थी, जो बहुत रेयर होता है। आंखों से ब्लीडिंग हो रही थी। उसे रोक दिया गया है। मरीज को पटना भेजा जाएगा और देखा जाएगा कि क्या हो सकता है।
पीड़ित महिला की बहू रिंकू देवी ने बताया कि उनकी सास चंपा देवी को मोतियाबिंद हुआ था। इसको लेकर शुक्रवार की सुबह उनके देवर सास को महावीर टोला स्थित नेत्र अस्पताल लाए थे।