भाजपा विधायक हार्दिक पटेल के खिलाफ गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने 2017 के एक मामले में पेश नहीं होने पर यह कार्रवाई की है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डीडी शाह ने सुरेंद्रनगर जिले में ध्रांगधरा तालुका पुलिस थाने के अधिकारी को पटेल को गिरफ्तार करने और बिना असफल हुए अदालत में पेश करने का आदेश दिया है।
अधिसूचना का किया था उल्लंघन
प्राथमिकी के मुताबिक, हार्दिक पटेल और उनके साथी कौशिक पटेल ने विधानसभा चुनाव से पहले 26 नवंबर, 2017 को गांव में एक बैठक आयोजित करने की अनुमति मांगी थी। उन्हें बैठक की अनुमति दी गई थी। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी अधिसूचना का कथित रूप से उल्लंघन किया था। इसके बाद उन पर धारा 37 (3) और 135 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
ऐसे ही मामले में हो चुके हैं बरी
ऐसे ही एक मामले में जामनगर की अदालत ने हार्दिक पटेल को बरी कर दिया है। पटेल ने धुतरपार गांव में एक रैली के दौरान सरकारी आदेशों का उल्लंघन करते हुए भाषण दिया था। उस समय, पटेल ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) का नेतृत्व किया था।
बता दें, हार्दिक पटेल 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। हालांकि, 2022 में गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें अहमदाबाद के वीरमगाम सीट से टिकट दिया था। हार्दिक पटेल पर पहले से ही देशद्रोह के दो मामलों समेत करीब उन पर गुजरात में देशद्रोह के दो मामलों सहित दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।