हम या आप अपने मन में जो कुविचार और अपवित्रता भरे हुए हैं उनके कारण देवी शक्ति के द्वारा हमारे अनुकूल नहीं बहती परवाह हमारी ओर नहीं आ रहा है।

अपने मन के कुविचारों को त्याग कर दीजिए। स्वार्थों का त्याग कर दीजिए।