Delhi Air Quality Remains Very Poor: सर्दियों का आना मतलब दिल्ली वालों का सांस लेना मुहाल. तमाम फैक्टर्स इसके पीछे करते हैं काम. फिलहाल सरकारें पराली को इसकी वजह बताती हैं, तो कोई निर्माण के काम. हकीकत ये है कि बीते सालों की तरह इस साल भी दिल्ली वाले कई सिगरेट के धुएं के बराबर की हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. एयर क्वॉलिटी इंडेस्क (Air Quality Index) पर मीटर 329 अंकों तक गिर चुका है. खतरनाक चेतावनियां मिल रही हैं. लेकिन सरकारें बेबस हैं. वो सिवाय सड़कों पर पानी के छिड़काव और कथित स्मॉग क्लीनर गाड़ियों के दौड़ाने के कुछ कर नहीं पा रही हैं.
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दिल्ली का हर कोना प्रदूषित
दिल्ली में लगे एयर क्वॉलिटी इंडेक्स वाले System of Air Quality and Weather Forecasting And Research (SAFAR) मीटर के मुताबिक, वायु की गुणवत्ता 329 मापी गई है, जो बेहद खराब श्रेणी में आती है. पूरे एनसीआर रीजन की बात करें तो सबसे बुरा हाल नोएडा का है. नोएडा में एक्यूआई 380 है, तो गुरुग्राम में 336. दिल्ली के अंतर जितने भी मॉनिटरिंग स्टेशन है, कहीं से भी अच्छी खबर नहीं है. पूसा सेंटर ने एक्यूआई 342 बताया है, तो धीरपुर में एक्यूआई 320 है. लोधी रोड में हवा 329 एक्यूआई लेवल तक खराब हो चुकी है, तो दिल्ली एयरपोर्ट के टी3 टर्मिनल एरिया में एक्यूआई 326 है. मथुरा रोड 332, तो दिल्ली यूनिवर्सिटी वाला इलाका सबसे ज्यादा प्रदूषित है. यहां एक्यूआई 360 तक बता रहा है.
एक्यूआई का असली मतलब
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (Air Quality Index) हवा की गुणवत्ता बताता है. जिसमें 0-100 तक की हवा को आम तौर पर सही माना जाता है. 100-200 लेवल की हवा को मध्यम माना जाता है. 200 से 300 एक्यूआई को खराब माना जाता है. 300-400 को बहुत खराब माना जाता है और 400 एक्यूआई के भी ऊपर को बेहद खतरनाक और जानलेवा माना जाता है. हालांकि दिल्ली में हवा खराब है, लेकिन प्रदूषण के नाम पर बंद किये गए स्कूल खुल चुके हैं. गाड़ियों की दिल्ली में एंट्री भी हो रही है. ऐसे में अगर दो-तीन दिनों के भीतर हल्की सी भी बारिश नहीं हुई, तो हालात बिगड़ सकते हैं.