ग्रामराज्य विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान बच्चो की न्याय तक पहुच कार्यक्रम के तहत बाल-विवाह, बाल-श्रम, बाल-तस्करी आदि अन्य सामाजिक मुद्दों पर कार्य कर रही है। जैसा की हम सभी जानते है, कि बाल-विवाह एक सामाजिक बुराई है, यह बाल अधिकारों का उल्लंघन है, क्योकि यह बच्चो को हानिकारक प्रथाओ, और शोषण से सुरक्षा के उनके अधिकारों से वंचित करता है, इसे जड़ से ख़त्म करना आवश्यक है। बूंदी जिले में बाल-अधिकारों की सुरक्षा और बाल- अधिकारों की रोकथाम के लिए कार्यरत ग्रामराज्य विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान की परियोजना समन्वयक अभिलाषा अग्रवाल और सुमन शर्मा ने बाल-विवाह की रोकथाम के लिए जिला प्रसाशन को अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा जेसे अन्य अबूझ सावे पर होने वाले बाल-विवाहों को समय से अवगत कराया, संस्था द्वारा बूंदी जिले में देई, इन्दरगढ़, रायथल, हिंडोली आदि क्षेत्रो में 17 बाल- विवाह की सुचना तुरंत प्रशाशन को दी गयी, और प्रशाशन के सहयोग से यह बाल-विवाह रुकवाए गये | संस्था द्वारा बाल-विवाह की रोकधाम के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जाते है, जेसे धर्म-गुरुओ के बीच जागरूकता अभियान, पोस्टर-विमोचन, रैली, कैंडल मार्च, बाल-विवाह के खिलाफ शपथ, स्कूल, आगनबाडी कार्यकर्त्ता, आशा सहयोगिनी के साथ बाल-विवाह की कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमे इसके दुष्परिणामो, पर चर्चा की गयी।