फ्लोरिडा। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर को लेकर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने पनामा नहर को फिर से अमेरिका के नियंत्रण में लाने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि पनामा नहर के मध्य अमेरिकी मार्ग का उपयोग करने पर उनके जहाजों से काफी ज्यादा शुल्क वसूला जा रहा है। 

 

ट्रंप ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो अमेरिका को कहीं दोबारा पनामा नहर पर नियंत्रण न करना पड़े। ट्रंप के बयान के बाद पनामा के राष्ट्रपति की भी प्रतिक्रिया आई है। 

 

क्या बोले पनामा के राष्ट्रपति?

पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो ने भी ट्रंप की बातों का जवाब दिया। राष्ट्रपति ने कहा,
 
पनामा की स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है और नहर के प्रशासन पर चीन का कोई प्रभाव नहीं है।
 
मुलिनो ने पनामा नहर से गुजरने वाले जहाजों पर लगने वाले शुल्क का भी बचाव किया और कहा कि ये मनमाने ढंग से निर्धारित नहीं है, इसे एक्सपर्ट्स ने तय किया है। मुलिनो ने आगे कहा कि पनामा नहर और आसपास के क्षेत्र का हर इंच पनामा का है और पनामा का ही रहेगा। ट्रंप ने इस पर मुलिनो को जवाब देते हुए कहा कि हम इस बारे में देखेंगे।
 
क्या किसी ने कभी पनामा नहर के बारे में सुना है? पनामा नहर में हमें उसी तरह से ठगा जा रहा है जैसे हमें हर जगह ठगा जा रहा है। यह पनामा और पनामा के लोगों को दी गई थी। लेकिन इसमें प्रावधान हैं, यदि नैतिक और कानूनी दोनों सिद्धांतों का पालन नहीं किया जाता है, तो हम मांग करेंगे कि पनामा नहर हमें पूरी तरह से जल्दी और बिना किसी सवाल के वापस कर दी जाए।
 

अमेरिका और पनामा में हुआ था समझौता

बता दें कि अमेरिका ने बड़े पैमाने पर नहर का निर्माण किया और दशकों तक मार्ग के आसपास के क्षेत्र की देखरेख की। लेकिन अमेरिका और पनामा ने 1977 में दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसने नहर को पूर्ण पनामा के नियंत्रण में वापस लाने का मार्ग प्रशस्त किया। अमेरिका ने 1999 में मार्ग का नियंत्रण पनामा को सौंप दिया था।