सेफ लिस्टिंग को व्हाइटलिस्टिंग के नाम से भी जाना जाता है। Gmail की यह सुविधा यूजर को ईमेल एड्रेस या डोमेन को सिक्योर और भरोसेमंद के रूप में सेलेक्ट करने की परमिशन देती है। एक बार जब आप किसी ईमेल एड्रेस को सेफ के रूप में लिस्ट कर लेते हैं तो उस सेंडर के ईमेल स्पैम फोल्डर को बायपास करते हुए सीधे आपके इनबॉक्स में चले जाते हैं।

Gmail यूजर्स की सेफ्टी और प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी एक नया फीचर लेकर आई है। Gmail का safe listing फीचर इनबॉक्स को अपने हिसाब से मेंटेन करने की सुविधा देता है। इससे यूजर्स के जरूरी मेल मिस नहीं होते हैं। स्पेसिफिक ईमेल एड्रेस या डोमेन को सिक्योर लिस्ट में जोड़कर यूजर्स जरूरी मैसेज को स्पैम में जाने या अनदेखा किए जाने से रोक सकते हैं। यह फीचर कैसे मददगार साबित होने वाला है। आइए जानते हैं।

बड़े काम का है safe listing फीचर

गूगल का नया फीचर फैमिली, सर्विस प्रोवाइडर और ट्रस्टेड सेंडर के साथ सिक्योरिटी को बनाए रखता है। अक्सर होता है कि स्पैम के चक्कर में हम कई जरूरी मेल मिस कर देते हैं, लेकिन इस फीचर के आ जाने से ऐसा नहीं होगा। यह किसी भी स्पेसिफिक ईमेल एड्रेस डोमेन को 'सेफ' कैटेगरी में रखने की परमिशन देता है।

सेफ लिस्टिंग को व्हाइटलिस्टिंग के नाम से भी जाना जाता है। Gmail की यह सुविधा यूजर को ईमेल एड्रेस या डोमेन को सिक्योर और भरोसेमंद के रूप में सेलेक्ट करने की परमिशन देती है।

एक बार जब आप किसी ईमेल एड्रेस को सेफ के रूप में लिस्ट कर लेते हैं, तो उस सेंडर के ईमेल स्पैम फोल्डर को बायपास करते हुए सीधे आपके इनबॉक्स में चले जाते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि आप जरूरी मेल से न चूकें।