जयपुर नगर निगम हेरिटेज में सियासी विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ हुई भ्रष्टाचार के मामले में हुई कार्रवाई के बाद अब नगर निगम के पूर्व एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र कुमार वर्मा से बदसलूकी को लेकर जांच तेज हो गई है। जयपुर की माणक चौक थाना पुलिस ने एससी - एसटी एक्ट को लेकर पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर, डिप्टी मेयर असलम फारूकी समेत नगर निगम के 13 पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके तहत निगम के तीन पार्षद उम्रदराज, नीरज अग्रवाल और फरीद कुरैशी को नोटिस देकर 13 नवंबर के दिन अनुसन्धान के लिए बुलाया गया है।दरअसल, नगर निगम के पूर्व एडिशनल कमिश्न राजेंद्र वर्मा की शिकायत पर पिछले साल जून में माणक चौक थाना पुलिस ने मेयर हेरिटेज मुनेश गुर्जर, उप-महापौर अस्लम फारुखी, पार्षद उमर दराज, नीरज अग्रवाल, श. कुरैशी, सुनिता मावर, राविया, अंजलि, पार्षद पति मोहम्मद अस्तर, आयशा सिद्दीकी, फरीद कुरैशी, फूलचंद, पार्षद के रिश्तेदार शाकिर, मेयर के पति सुशील गुर्जर, बसन्त असवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।राजेन्द्र कुमार वर्मा ने पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में बंधक बनाने, अपशब्द कहने और धमकाने के आरोप लगाए थे। वर्मा ने कहा है कि 16 जून को वह अपने चैंबर में काम कर रहे थे। इसी दौरान उनके पास मैसेज आया कि मेयर बुला रही हैं। मैंने कहा- कुछ जरूरी फाइल हैं, उन्हें निपटा दूं, फिर 15 मिनट में आ रहा हूं।5 मिनट बाद कुछ पार्षद और उनके साथ आए बाहरी लोग चैंबर में घुस आए। मुझसे कहा- टेंडर की फाइल (बीट पत्रावली) पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए। वे लोग मुझे जबरन चैंबर से उठा कर मेयर के कमरे में ले गए। वहां पर मुनेश गुर्जर ने पार्षदों के सामने अपशब्द कहते हुए बोलीं- तुम ने बीट की पत्रावली पर साइन क्यों नहीं किए।