अदालत की अनुमति के बिना विदेश यात्रा पर गए सीएम भजनलाल शर्मा को दी गई अग्रिम जमानत को रद्द करने के लिए लगाए गए प्रार्थना पत्र को अदालत ने खारिज कर दिया हैं। जयपुर जिले की एडीजे-4 अदालत ने सांवरमल चौधरी द्वारा पेश किए गए प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए कहा कि प्रार्थी का यह प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है।पार्थी इस मामले में पीड़ित नहीं है, ना ही उसे इस मामले में कोई नुकसान या हानि हुई हैं। ना ही उसका कोई हित प्रभावित हुआ हैं। ऐसे में यह प्रार्थना पत्र अस्वीकार करते हुए खारिज किया जाता हैं। मामले मे सीएम भजनलाल शर्मा की ओर से अधिवक्ता अश्विनी बोहरा ने भी पैरवी करते हुए प्रार्थी को प्राइवेट व्यक्ति बताते हुए प्रार्थना पत्र का विरोध किया था।दरअसल, सीएम भजनलाल शर्मा गोपालगढ़ दंगा मामले में अग्रिम जमानत पर हैं। कोर्ट ने जमानत देते समय उन पर शर्त लगाई थी कि वे विदेश यात्रा पर जाने से पहले कोर्ट से अनुमति लेंगे। लेकिन सीएम बिना अनुमति ही दक्षिण कोरिया और जापान के दौरे पर चले गए थे। इसके बाद सांवरमल चौधरी ने अदालत में प्रार्थना पत्र लगाया था। सांवरमल चौधरी ने अदालत में 12 सितम्बर को प्रार्थना पत्र दायर करके कहा था कि गोपालगढ़ दंगा मामले में सीएम भजनलाल शर्मा, मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, पूर्व मंत्री जाहिदा खान सहित अन्य प्रभावशाली लोग आरोपी है।सीएम भजनलाल शर्मा प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। केन्द्र में भी बीजेपी की सरकार हैं। सीबीआई केन्द्र सरकार के अधीन हैं। ऐसे में अभियोजन और सीबीआई इनका अप्रत्यक्ष रूप से सहायता कर रही हैं।उन्होने कहा कि एक तरफ तो इस प्रार्थना पत्र पर सीबीआई कोई जवाब नहीं देती हैं। वहीं दूसरी तरफ अन्य आरोपियों की ओर से प्रार्थना पत्र लगाया जाता है कि अदालत बिना अनुमति विदेश जाने की शर्त को हटाए। उस पर सीबीआई शर्त हटाने का विरोध करते हुए कहती है कि अगर शर्त हटाई जाती है तो आरोपियों के फरार होने का खतरा है। इससे स्पष्ट है कि सीबीआई भेदभावपूर्ण कार्रवाई कर रही हैं।