उपचुनाव में 13 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया, जिसमें अंतिम दिन शुक्रवार को 11 नामांकन दाखिल हुए। कुल 13 नामांकन में से योगेश कुमार शर्मा ने राइट टू रिकॉल पार्टी, राजेंद्र गुर्जर ने भारतीय जनता पार्टी, कस्तूर चंद मीणा ने कांग्रेस एवं खुशीराम धाकड़, राम सिंह मीणा, शकील उर रहमान, नरेश कुमार मीणा, ओम प्रकाश केवट, उमाशंकर कहार, जसराम मीणा, रामदेव, प्रहलाद सैनी एवं दिनेश प्रजापत ने अपने नामांकन निर्दलीय के रूप में पेश किए हैं। नामांकन की जांच 28 अक्टूबर तक होगी तथा 30 अक्टूबर तक नाम वापसी हो सकेगी। मतदान 13 नवंबर को एवं मतगणना 23 नवंबर को होगी। निर्वाचन विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं आचार संहिता को देखते हुए प्रशासन सारी व्यवस्थाओं में जुटा है। किसी भी शिकायत के आने के बाद तुरंत कार्रवाई की जा रही है। जिस दिन उपचुनाव की तारीख आई थी, उसी दिन से टीमें चुनाव क्षेत्र में लगातार दाैरे कर रही है। कांग्रेस के बागी नरेश मीना पर सबकी निगाह है और खासकर कांग्रेस इसके बाद परेशान है क्यों कि यदि नरेश अपना पर्चा वापस नहीं लेता है तो उनके प्रत्याशी के लिए परेशानी हो सकती है। मीना ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया था और अपना प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया। सूत्रों के अनुसार नरेश को मनाने के लिए कोशिशें भी शुरू हो गई है और इसके लिए एक बड़े नेता को जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।दोनों पार्टियों के नेताओं ने निर्दलीयों को साधने के लिए जगह-जगह अपने लोगों को भेजा है। साथ ही निर्दलीयों से बातचीत कर रहे हैं ताकि वह अपने नाम वापस ले सके। वहीं कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के लिए दोनों दलों के नेताओं को जिम्मेदारी दे दी गई है। प्रदेश भाजपा और प्रदेश कांग्रेस की ओर से पर्यवेक्षक लगाने के साथ ही युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस के पदाधिकारियों को भी प्रचार और अन्य रणनीति बनाने में लगा दिया गया है ताकि जीत का रास्ता बन सके। इसी तरह भाजपा के विधायकों और मंत्रियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है और वे अब प्रचार में जुट रहे है।