दुर्गाष्टमी पर घर घर में हुई कुलदेवी की पूजा, देवी मंदिरों में हुए विशेष आयोजन
पूर्व राजपरिवार के सदस्य ने कुलदेवी आशापुरा की पूजा अर्चना कर की खुशहाली की कामना
बून्दी। शारदीय नवरात्र के दौरान शुक्रवार को दुर्गा अष्टमी के अवसर पर शक्ति स्थलों, देवी मंदिरों सहित घर घर में मां दुर्गा की पूजा अर्चना सहित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। दुर्गाष्टमी के मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना और आराधना भी साधकों द्वारा सम्पन्न की गई। मंदिरों में माताजी का विशेष श्रृंगार करने के साथ दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती आदि के पाठ भी किए गए। दुर्गाष्टमी के अवसर पर मंदिरों में दर्शनों एवं पूजा-पाठ करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। वहीं मंदिरों के साथ-साथ घरों में भी अष्टमी के अवसर पर कुलदेवी की पूजा-अर्चना की गई। परिवार के सभी सदस्यों ने एक साथ एक जगह पर बैठकर कुलदेवी की पूजा की और मनौतियां मांगी। इसके साथ ही घरों में कन्या पूजन किया गया, उन्हें भोजन करवा कर उपहार आदि भेंट किए गए।
पूर्व राजपरिवार के सदस्य ने कुलदेवी आशापुरा की पूजा अर्चना कर की खुशहाली की कामना
बून्दी। शारदीय नवरात्र के दौरान शुक्रवार को दुर्गा अष्टमी के अवसर पर शक्ति स्थलों, देवी मंदिरों सहित घर घर में मां दुर्गा की पूजा अर्चना सहित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। दुर्गाष्टमी के मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना और आराधना भी साधकों द्वारा सम्पन्न की गई। मंदिरों में माताजी का विशेष श्रृंगार करने के साथ दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती आदि के पाठ भी किए गए। दुर्गाष्टमी के अवसर पर मंदिरों में दर्शनों एवं पूजा-पाठ करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। वहीं मंदिरों के साथ-साथ घरों में भी अष्टमी के अवसर पर कुलदेवी की पूजा-अर्चना की गई। परिवार के सभी सदस्यों ने एक साथ एक जगह पर बैठकर कुलदेवी की पूजा की और मनौतियां मांगी। इसके साथ ही घरों में कन्या पूजन किया गया, उन्हें भोजन करवा कर उपहार आदि भेंट किए गए।
कुलदेवी की पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना की
शुक्रवार सुबह पूर्व राजपरिवार के सदस्य वंशवर्धन सिंह ने सपत्निक मोती महल स्थित कुलदेवी मां आशापुरा मंदिर पहुंचे। जहां कुलदेवी मां आशापुरा मंदिर में विद्वान पंडितों ने कुलदेवी की विधिवत पूजा अर्चना करवाई। यहां पर पूर्व राजपरिवार के सदस्य वंशवर्धन सिंह ने कुलदेवी की पूजा अर्चना व महाआरती कर बून्दी सहित संपूर्ण राजस्थान व देश की खुशहाली की कामना की। मोती महल स्थित कुलदेवी मां आशापुरा मंदिर में विद्वान पंडितो द्वारा नौ दिवसीय अखंड रामायण पाठ नियमित रूप से जारी हैं। इससे पूर्व बूंदी पूर्व राजपरिवार के सदस्य वंशवर्धन सिंह ने सथूर स्थित बूंदी राजवंश की इष्ट देवी रक्तदंतिका माताजी के दर्शन कर पूजा अर्चना की।
घर घर कुलदेवी की हुई पूजा
दुर्गा अष्टमी के मौके पर घर घर में कुलदेवी की पूजा कर परिवार में सुख समृद्धि की कामना की गई। वहीं घर घर में सुबह से ही कुलदेवी व द्याड़ी की पूजा अर्चना की तैयारियां की जाती रही। कुलदेवी को गुड़ व गेंहू की लापसी का भोग लगा कर विधि-विधान के साथ परिवार सहित दुर्गा पूजन कर घर-परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की। कुल देवी की पूजा के लिए बाहर रहने वाले भी अपने घर पहुंचे। इस दौरान कन्याओं का पूजन कर उनको भोजन कराने के बाद उपहार आदि भेंट किए गए।
धार्मिक विधि विधान से निकला बीजासन् माताजी का नेजा
नवरात्रि की नवमी के अवसर पर बालचंद पाड़ा स्थित सिद्ध बीजासन माताजी का नेजा धार्मिक विधि विधान के साथ निकला गया। दोपहर 2 बजे बाद माता जी के चौक से नेजा शुरू हुआ। ढोल नगाड़े की स्वर लहरियों के साथ चंद्र गणेश जी, हीरामन जी का चौक, अभय नाथ महादेव होता हुआ नवल सागर झील पर पहुंचा जहां विधि-विधान के साथ नेज़ी को ठंडा किया गया। रास्ते में विभिन्न देवताओं के भाव आते रहे और वे हैरतंगेजकरतब दिखाते रहे । नेजे की सवारी में सैकड़ो महिला एवं पुरुष श्रद्धालु शामिल थे। इस मौके पर माता जी का चौक में भंडारा भी आयोजित किया गया। तीन बजे के उसे शुरू हुए हजारों श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसादी ग्रहण की।
रविवार को सजेंगी 56 भोग की झांकी
रविवार को एकादशी के अवसर पर माताजी के 56 भोग की झांकी सजाई जायेगी और नागर ब्राह्मण समाज की महिलाओं द्वारा गरबे किये जायेंगे और रात्रि जागरण में माताजी का पाठ उठाया जायेगा।