उत्तर प्रदेश के जनपद बस्ती में,विकास भवन में महिला अधिकारी से छेड़छाड़ करना पड़ा महंगा।मालूम होकि जनपद बस्ती में, इश्कमिजाज़ अफसरों के कारनामे अक्सर उजागर होते रहते हैं। हालांकि दर्जनों में, कहीं एक मामला चर्चा में आता है। और न जाने कितने मामले रसूख तले दब जाते हैं। अभी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला द्वारा एक महिला अधिकारी संग दुराचार की कोशिश का प्रकरण बहुत पुराना नहीं हुआ कि दूसरा मामला भी चर्चा में, आ गया है। विकास भवन में, तैनात सहायक लिपिक और सीडीओ के साथ साए की तरह चलने वाले देवेन्द्र सिंह पर एक महिला अधिकारी ने छेड़खानी का गंभीर आरोप लगाया है। डीडीओ ने आरोपी को तत्काल निलंबित कर दिया।महिला अधिकारी ने विकास भवन में, तैनात स्टेनो लिपिक देवेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला अधिकारी का आरोप है कि बाबू ने उसके साथ कई, बार उसके साथ गलत हरकत करने की कोशिश की।लेकिन महिला अधिकारी ने हर बार वॉर्निंग देकर छोड़ दिया। इसके बावजूद वह नहीं माना तो। इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की है। इधर विभाग की फजीहत होते देख डीडीओ ने आरोपी को तत्काल निलंबित कर दिया है।महिला अधिकारी ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में, कहा कि पिछले कुछ समय से उन्हें संबंधित सहायक लगातार परेशान कर रहा है। समय-समय पर कई बार अशोभनीय इशारे भी करता रहता है। जिसे वह हर बार अनदेखा कर रही थी। कई बार अकेले मिलने के लिए भी, कहता था। शिकायती पत्र में, महिला अधिकारी ने बताया कि 21 मई की शाम बाबू उनके कमरे में, आया और मुख्यमंत्री के जनपद आगमन पर तैयार किए जा रहे। मुख्य बिंदुओं को लेकर चर्चा करने लगा।महिला अधिकारी ने कहा कि चर्चा खत्म होने के बाद भी वह उनके साथ बैठा रहा। कभी घूरता तो कभी मुस्कुराता रहा। इतना ही नहीं मोबाइल के जरिए भी वह अश्लील मैसेज भेजकर उन्हे परेशान करता था। प्रकरण की जांच के लिए जिलाधिकारी अन्द्रा वामसी के निर्देश पर डीडीओ ने चार सदस्यीय टीम गठित की है। रिपोर्ट में, प्रथम दृष्टया लिपिक देवेंद्र सिंह दोषी पाए गए है। जिस आधार पर उन्हें सस्पेंड किया गया। फिर बहाल करते हुए विक्रमजोत ब्लॉक में, अटैच कर दिया गया है।