जेपी नड्डा के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे गए लेटर की प्रियंका गांधी ने आलोचना की। प्रियंका ने कहा- प्रधानमंत्री की अगर बुजुर्गों का सम्मान करने में आस्था होती तो वह खुद लेटर का जवाब देते। PM मोदी ने जेपी नड्डा से लेटर भिजवाकर उनका अपमान किया। आखिर 82 साल के एक सीनियर लीडर को नीचा दिखाने की क्या जरूरत थी।यह लेटर विवाद 17 सितंबर को शुरु हुआ था। जब खड़गे ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर कहा था कि भाजपा और सहयोगी दलों के नेता लगातार राहुल गांधी के लिए बेहद आपत्तिजनक और हिंसक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपसे आग्रह है कि ऐसे नेताओं पर लगाम लगाएं।एक दिन बाद जेपी नड्डा ने भी लेटर लिखकर जवाब दिया। उन्होंने लिखा- जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के प्रधानमंत्री समेत पूरे OBC समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो। उस राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के चलते कर रहे हैं? लेटर विवाद पर प्रियंका ने सोशल मीडिया X पर लिखा, लोकतंत्र की परंपरा और संस्कृति, प्रश्न पूछने और संवाद करने की होती है। धर्म में भी गरिमा और शिष्टाचार जैसे मूल्यों से ऊपर कोई नहीं होता।आज की राजनीति में बहुत ज़हर घुल चुका है, प्रधानमंत्री जी को अपने पद की गरिमा रखते हुए, सचमुच एक अलग मिसाल रखनी चाहिए थी। अपने एक वरिष्ठ सहकर्मी राजनेता के पत्र का आदरपूर्वक जवाब दे देते तो जनता की नज़र में उन्हीं की छवि और गरिमा बढ़ती।यह अफ़सोस की बात है कि सरकार के ऊँचे से ऊँचे पदों पर आसीन हमारे नेताओं ने इन महान परंपराओं को नकार दिया है।