भगवान रंगनाथ जलझूलनी एकादशी पर गोविंद नाथ व पितांबर महाराज के साथ निकले विहार पर
बूंदी के आराध्य ने निज मंदिर बाहर आकर दिए आमजन को दर्शन

बूंदी। छोटी काशी बूंदी जलझूलनी एकादशी पर अपने आराध्य देव रंगनाथ, गोविंद नाथ, पीताम्बर की भक्ति से ओत प्रोत रही। जलझूलनी एकादशी पर देवस्थान विभाग की ओर से बूंदी के आराध्य देव रंगनाथ जी महाराज के मंदिर से देव विमानों की डोल यात्रा निकाली गई। डोल यात्रा में भगवान रंगनाथ, गोविंदानाथ, पितांबर महाराज के विमान शामिल थे। निज मंदिर से आराध्य देवों के विग्रह को मोतीमहल रावला का चौक के खुले परिसर में लाया गया, जहां पर पुजारी पंडित गणेश शर्मा व पुजारी पंडित मुकेश शर्मा ने पूजा-अर्चना कर आरती उतार कर गाजे-बाजे के साथ डोल यात्रा रवाना किया। मोती महल स्थित भगवान रंगनाथ मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना के साथ निकली यह डोलयात्रा तिलक चौक, सदर बाजार, कागदी देवरा से उपरला बाजार, नाहर का चोहट्टा होते हुए मोती महल रावले में स्थित रामबाग में पहुंची। जहां देव विमानों की महा आरती की गई। नवल सागर की पाल पर स्थित रामबाग में विद्वत पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच महाराव राजा  वंशवर्धन सिंह ने सभी देवों का कलशाभिषेक व जलवा पूजन किया।  
देव विमानों के दर्शन करने के लिए शहर वासियों की भीड़ उमड़ पड़ी, जो मार्गों के दोनों ओर देव विमानों के स्वागत में खडे़ होकर भगवान के दर्शन को आतुर नजर आए। मार्गों में जगह-जगह डोल यात्रा शामिल भगवान के विमानों की आरती उतारने की होड़ लगी रही। भक्तजनों और श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पूरे मार्ग पर प्रभु के विमान पर पुष्प वर्षा कर फल व श्री फल भेट कर स्वागत किया।
सुख, समृद्धि की आस में अंबाबाड़ी के नीचे से गुजरे लोग

डोलयात्रा के दौरान सुख, समृद्धि निरोग रखने की कामना से शहर वासियों में भगवान की अंबाबाड़ी के नीचे से निकलने को लेकर होड़ रही। पूरे रास्ते भर श्रद्धालु अपने बच्चों के साथ अंबाबाड़ी और पितांबरनाथ, गोविंदानाथ स्वामी के विमानों के नीचे से भी श्रद्धालु निकलते रहे। डोल यात्रा में पूर्व राज परिवार के सदस्य वंशवर्धन सिंह, विधायक हरिमोहन शर्मा, श्री रंगनाथ सेवा समिति अध्यक्ष पुरषोत्तम पारीक, महासचिव अजय नुवाल, पार्षद मनीष सिसोदिया, के अलावा राजपुरोहित राजेश शर्मा, राज आचार्य दयानंद दाधीच, राजव्यास,  बृजगोपाल व्यास,  क्षार बाग पुरोहित रोहित दाधीच, पंडित श्रीकांत शर्मा, पंडित लक्ष्मीकांत शर्मा, पंडित श्याम भारद्वाज, पंडित रघुनंदन राजमुखिया सहित देवस्थान विभाग के प्रतिनिधि, प्रबुद्धजन, राजपूत समाज के प्रतिनिधियों सहित शहरवासी लाल छडिय़ां लिए शामिल रहे।