प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूक्रेन दौरे पर पूरी दुनिया की निगाहें रहीं। खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस गर्मजोशी के साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से गले मिले और युद्ध को लेकर अपनी बात रखी, उसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। दुनियाभर के शीर्ष अखबारों ने इस पर खबरें प्रकाशित की हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत की विदेश नीति को सराहा और लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी युद्धग्रस्त रूस और यूक्रेन, दोनों के साथ अपने संबंधों को सावधानीपूर्वक बनाकर चल रहे हैं। वह बीते महीने मॉस्को दौरे पर थे और वहां राष्ट्रपति पुतिन से गले मिल रहे थे। भारत, रूस का अहम व्यापारिक साझेदार है। भारत ने जून में यूक्रेन में शांति समझौते में अपना प्रतिनिधि भेजा था, लेकिन यूक्रेन में शांति के लिए हुए एक अन्य सम्मेलन में भारत शामिल नहीं हुआ था।वही बीबीसी ने लिखा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'युद्ध के हालात में भारत कभी भी तटस्थ नहीं रहा है। पहले दिन से भारत शांति का पक्षधर रहा है।' बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। हालांकि रिपोर्ट में इस बात को भी उठाया गया है कि भारत ने कभी भी रूस के यूक्रेन पर हमले की आलोचना नहीं की है। यहां तक कि भारत रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है और रूस के तेल का सबसे बड़ा आयातक बनकर उभरा है। द गार्जियन ने भी प्रधानमंत्री मोदी के यूक्रेन दौरे पर विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बयान को शीर्षक में लिया गया है, जिसमें जेलेंस्की ने पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे को ऐतिहासिक करार दिया था। जेलेंस्की ने पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर लिखा कि 'आज इतिहास बना। भारत के प्रधानमंत्री ने देश की स्वतंत्रता के बाद पहली बार यूक्रेन का दौरा किया। भारत ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन किया और ये अहम है कि दुनियाभर के देश संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करें।' अमेरिका के प्रमुख मीडिया चैनल सीएनएन ने पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर लिखा कि पीएम मोदी का यह दौरा उनके रूस दौरे के कुछ हफ्तों बाद ही हो रहा है। हालांकि भारत द्वारा युद्धविराम की लगातार अपील की जा रही है, लेकिन भारत ने अभी तक रूस की आलोचना से खुद को दूर रखा है। भारत रूस की अर्थव्यवस्था के लिए लाइफ लाइन का काम कर रहा है और बड़ी संख्या में रूस से तेल का आयात कर रहा है। रिपोर्ट में पीएम मोदी के उस बयान का भी जिक्र है, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसी भी समस्या का हल युद्ध के मैदान में नहीं हो सकता।