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'रिलायंस' ब्रांड नेम पर लड़ाई! अनिल अंबानी की कंपनी ने ट्रिब्‍यूनल का दरवाजा खटखटाया

रिलायंस ब्रांड नेम के इस्‍तेमाल पर ठन गई है। अनिल धीरूभाई अंबानी वेंचर्स प्राइवेट लि.(ADAVPL) ने एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया है। उसने ट्रिब्‍यूनल से आईआईएचएल को निर्देश देने के लिए कहा है। ADAVPL ने मांग की है कि इस आईआईएचएल को रिलायंस ब्रांड नेम का इस्‍तेमाल करने से तुरंत रोका जाए।

Edited byअमित शुक्‍ला | एजेंसियां 19 Aug 2024, 9:43 pm

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हाइलाइट्स

आईआईएचएल से 'रिलायंस' ब्रांड नाम का इस्‍तेमाल बंद करने के ल‍िए अपील

एडीएवीपीएल ने एनसीएलटी में दायर की है इस मामले में अंतरिम याचिका

आरकैप के लिए 9,650 करोड़ के रेजॉल्‍यूशन प्‍लान को दी गई थी मंजूरी

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Anil Ambani NCLT

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नई दिल्‍ली: अनिल धीरूभाई अंबानी वेंचर्स प्राइवेट लि. (ADAVPL) ने आईआईएचएल को ‘रिलायंस’ ब्रांड नाम का इस्‍तेमाल बंद करने का निर्देश देने की अपील की है। आईआईएचएल रिलायंस कैपिटल की सफल समाधान आवेदक है। समाधान योजना लागू होते ही अनिल अंबानी की कंपनी ने यह कदम उठाया है। इस संबंध में रिलायंस समूह की कंपनी एडीएवीपीएल ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में एक अंतरिम याचिका दायर की है। दरअसल, एनसीएलटी ने 27 फरवरी को आईआईएचएल की समाधान योजना को मंजूरी दी थी। ऐसा करते हुए योजना की मंजूरी की तारीख से तीन साल के लिए अनिल धीरूभाई अंबानी वेंचर्स ने क्‍या दिया है तर्क?

एडीएवीपीएल ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि ब्रांड समझौता आरकैप के पक्ष में ब्रांड को लेकर कोई अधिकार नहीं देता है। अलबत्ता, केवल इसके इस्तेमाल की अनुमति देता है। इसमें आगे कहा गया कि इस स्थिति को देखते हुए ब्रांड दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता की धारा 18 में प्रयुक्त शब्द के अर्थ में आर-कैप की संपत्ति नहीं हैब्रांड का तुरंत इस्‍तेमाल बंद करने का क‍िया है अनुरोध

ऐसे में एडीएवीपीएल ने समाधान योजना के कार्यान्वयन के तुरंत बाद आईआईएचएल की ओर से ब्रांड के उपयोग को बंद करने का अनुरोध किया है। इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, ब्रांड रिलायंस संयुक्त रूप से मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के स्वामित्व में है। किसी अन्य कंपनी या व्यक्ति को इसका इस्‍तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

एनसीएलटी ने 27 फरवरी, 2024 को रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के लिए आईआईएचएल की 9,650 करोड़ रुपये के रेजॉल्‍यूशन प्‍लान को मंजूरी दी थी। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था।।रिलायंस ब्रांड का इस्‍तेमाल करने की अनुमति दी गई थी।