कोटा राज. दुनिया में ऐसे ढेरों विश्वास और अंधविश्वास हैं, जो लोक परंपरा और स्थानीय लोगों की मान्यताओं पर आधारित हैं और इनका धर्म से कोई लेना-देना नहीं होता है. कुछ लोग इन्हें मानते हैं और कुछ नहीं. ये सभी अंधविश्‍वास की श्रेणी में आते हैं इसी प्रकार का अंधविश्वास की एजुकेशन सिटी कोटा में देखने को मिलता है. विवेकानंद नगर पॉश इलाके में के एक चौराहे को कहा जाता है टोटका चौराहा.

इस चौराहे पर किए जाते हैं तंत्र-मंत्र. कुछ लोगों का मानना है कि बीमारी से ठीक होने के लिए, घर में फैली नेगेटिव ऊर्जा, ग्रह कलह या काम धंधा नहीं चल रहा इन समस्या से निपटने के लिए इस चौराहे पर टोटके करने के बाद ठीक हो जाते हैं. दिन हो या रात लोग यहां पर दीपक जलते हैं मटके में गेहूं रख देते हैं अपनी चप्पल या जूते वहीं छोड़ देते हैं नींबू मिर्ची वहां डाल देते हैं. इस प्रकार के तंत्र-मंत्र इस चौराहे पर किए जाते हैं. 

‘इस चौराहे से निकलने से डरते है लोग’
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस चौराहे को टोटका चौराहा के नाम से जाना जाता है, यहा पर तंत्र-मंत्र किए जाते हैं. दिन हो या रात लोग यहां पर दीपक जलाते हैं नींबू मिर्ची डाल देते हैं. जूते चप्पल नारियल छोड़कर चले जाते हैं. आसपास रहने वाले लोगों को डर लगने लगा है. साथ ही इस चौराहे से निकलने में भी डरते हैं लोग

इसलिए चौराहे का नाम पड़ गया टोटका
कोटा रामगंज मंडी के विधायक और राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस टोटके चौराहे का नाम आदिवासी नेता बिरसा मुंडे के नाम पर रखने के लिए कोटा KDA के कमिश्नर डॉ रविंद्र गोस्वामी को पत्र लिखा. पत्र में बताया कि इस चौराहे पर आए दिन अवैध गतिविधियों और अंधविश्वास के चलते इस चौराहे का नाम टोटका चौराहा पड़ गया. इस चौराहे का नाम आदिवासी नेता के नाम पर हो और यहां उनकी मूर्ति स्थापित की जाए.