खानपुरा, केवट नगर एवं बड़वा की देवरिया के ग्राम वासियों ने मॉडल तालाब
खानपुरा का मत्स्य पालन का ठेका बंद करवाने की मांग को लेकर उपखंड अधिकारी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने के पश्चात ज्ञापन सोपा।
ज्ञापन में बताया गया कि विगत कुछ वर्षो से मत्स्य पालन विभाग द्वारा ठेकेदारों को मत्स्य पालन का
ठेका दिया जा रहा है। ठेकेदारों द्वारा केमिकल युक्त खल का उपयोग किया जाता है साथ ही नैनवां
शहर के मैरिज गार्डन के भोजन की जूठन भी तालाब में डाली जाती है जिससे कि तालाब का पानी
दूषित हो रहा है। तालाब के पानी में नहाने से चर्म रोग इत्यादि बीमारियां हो रही हैं तथा मवेशियों के
द्वारा तालाब का पानी पीने से मवेशी बीमार पड़ रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा खानपुरा तालाब को 2016-
17 में मॉडल तालाब घोषित किया जा चुका है।
यहां शीतकाल में कई प्रवासी पक्षी विचरण हेतु आते थे।किंतु विगत कुछ वर्षों से तालाब का पानी अत्यधिक गंदा होने के कारण प्रवाशी पशियों ने भी आना बंद कर दिया।
तालाब की पाल पर कई प्राचीन धार्मिक स्थल है जिनसे ग्राम वासियों की आस्था जुड़ी
हुई है। धार्मिक स्थानों के आसपास मत्स्य आखेट करने से ग्राम वासियों की भावनाएं आहत हो रही है।
खानपुरा तालाब प्राचीन काल से ही रियासत कालीन धरोहर एवम् पर्यटक स्थल रहा है। विगत कुछ वर्षो
में शासन एवम् प्रशासन की अनदेखी के चलते यह तालाब अपनी पहचान खोता जा रहा है।
ग्राम पंचायत खानपुरा द्वारा भी ठेका बंद करने के लिए उच अधिकारियों को पत्र लिखकर मांग कि
गयी है।
इससे पूर्व ग्रामीण महिला पुरुष तहसील दार कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए जहां से हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचे जहां पर कोई अधिकारी उपस्थित नहीं पर रोष प्रकट किया तथा से ग्रामीण 2 घंटे तक धरने पर बैठे रहे।
ज्ञापन में बताया गया कि उक्त समस्या को लेकर पूर्व में भी ग्राम पंचायत एवं जिला कलेक्टर के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया गया था
लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
राष्ट्रीय बजरंग दल विभाग उपाध्यक्ष सीताराम सैनी, सामाजिक कार्यकर्ता विकास पाराशर, अर्जुन मीणा, कमल सैनी, मदन लाल सैनी, किशोर माली,भिमराज मीणा, अंकित कुमार, परशुराम मीणा, प्रवीण सैनी, शंभू लाल गुर्जर, कालू लाल सैनी, फोरू लाल,नीतू गुर्जर, मीराबाई, धापु बाई , एडवोकेट बंशीलाल गुर्जर, हनुमान कहार, कालीबाई। सहित कई ग्रामीण महिला पुरुष उपस्थित रहे। मत्स्य पालन ठेका बंद नहीं होने की स्थिति में ग्राम वासियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।