देश को आज़ादी मिले भले ही 75 साल से भी ज़्यादा बीत गए हों, लेकिन राजस्थान के आदिवासी अंचलों में अब भी ऐसी तस्वीरें नज़र आती हैं, जो पिछड़ेपन की बानगी को दर्शाते हैं। वो इलाके आज भी मौजूद हैं जहां तक ना सड़क ही पहुंच सकी है और ना ही पानी और बिजली जैसी मूलभूत ज़रूरतें ही वहां रह रहे लोगों को नसीब हो पाई है राजस्थान में डबल इंजनसरकार के मंत्री बाबूलाल खराड़ी की ओर से सोशल मीडिया पर शेयर किया एक वीडियो वायरल होने के साथ ही चर्चा का विषय भी बना हुआ है। दरअसल, इस वीडियो में मंत्री खराड़ी हाथों में अपने जूते थामे पानी से भरे एक कच्ची सड़क को पार करते दिख रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि राजस्थान के पिछड़े इलाकों की बानगी बयां करता ये वीडियो खुद मंत्री ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडलर्स के ज़रिए साझा किया है। महज़ 25 सेकंड के इस वीडियो पोस्ट में उन्होंने नयावास गांव में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाना बताया। ऐसा नहीं है कि जिस नयावास गांव की तस्वीर मंत्री ने साझा की है वही पिछड़ा हुआ क्षेत्र हैं। उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर में स्थित ऐसे कई गांव हैं जहां सड़क, बिजली और पानी की मूलभूत और आधारभूत सुविधाएं नहीं पहुंच सकीं हैं। राजस्थान की भजनलाल सरकार में बाबूलाल खराड़ी कैबिनेट मंत्री हैं। वे खुद भी राज्य के सबसे पिछड़े कोटड़ा जैसे ग्रामीण अंचल से आते हैं। गांव में उनका दो कमरों का कच्चा घर है जहां वे परिवार संग रहते हैं। वैसे मंत्री बनने के बाद एक सरकारी निवास उनका राजधानी जयपुर में भी है।