नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने थाने के अंदर आपराधिक मामले में गवाहों को पट्टी पढ़ाए जाने को चिंताजनक करार दिया है। मामले में तमिलनाडु के डीजीपी से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं।जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने कहा कि यह चिंताजनक है कि ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों ने मामले में गवाहों को पाठ पढ़ाए जाने के महत्वपूर्ण पहलू को नजरअंदाज कर दिया है। पीठ ने एक आदेश में कहा कि उनके सुबूतों को खारिज करना होगा, क्योंकि इस बात की स्पष्ट संभावना है कि उक्त गवाहों को पहले दिन पुलिस द्वारा सिखाया गया था। न्यायिक प्रक्रिया में पुलिस द्वारा इस तरह का हस्तक्षेप चिंताजनक है।

कोर्ट ने क्या कुछ कहा?

कोर्ट ने सख्त लहजें में कहा कि पुलिस को अभियोजन पक्ष के गवाहों को पाठ पढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह पुलिस मशीनरी द्वारा शक्ति का घोर दुरुपयोग है।