नई दिल्ली। बीते बुधवार को संसद भवन में सुरक्षा को लेकर बड़ी चूक सामने आई। जिसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। इस हादसे के बाद विपक्ष ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और गंभीर आरोप लगाए। वहीं, विपक्ष के आरोपों का भाजपा ने जवाब दिया और कहा कि आरोपी कांग्रेस समर्थक थे।सागर शर्मा और मनोरंजन डी के पास मैसूरु भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के नाम पर प्रवेश पास थे। संसद के बाहर से अमोल शिंदे और नीलम देवी को गिरफ्तार कर लिया गया. विशाल शर्मा 5वां संदिग्ध है जिसे गुरुग्राम में उसके आवास से गिरफ्तार किया गया जहां हमले से पहले अपराधी रुके थे। सह-साजिशकर्ता ललित झा फरार है।भाजपा के अमित मालवीय ने एक विरोध रैली में कांग्रेस के समर्थन में नीलम आजाद का एक पुराना वीडियो साझा किया और उन्हें 'आंदोलनजीवी' कहा। वह एक सक्रिय कांग्रेस/आई.एन.डी.आई गठबंधन समर्थक हैं। वह एक आंदोलनजीवी हैं, जिन्हें कई विरोध प्रदर्शनों में देखा गया है।
मालवीय ने कहा कि प्रश्न यह है कि इन्हें किसने भेजा? उन्होंने भाजपा सांसद से संसद पास प्राप्त करने के लिए मैसूर से किसी को क्यों चुना? अजमल कसाब ने भी लोगों को गुमराह करने के लिए कलावा पहना था। यह एक ऐसी ही चाल है। याद रखें कि विपक्ष किसी भी हद तक नहीं रुकेगा, यहां तक कि हमारे लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था संसद को भी अपमानित करने से नहीं चूकेगा।
क्या मनोरंजन कांग्रेस और/या एसएफआई प्रायोजित आंदोलनों में सक्रिय थे? क्या वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे? इस पर अंतिम शब्द अभी तक नहीं आया है... लेकिन एक बात स्पष्ट है: विपक्ष ने 13 दिसंबर को एक उद्देश्य के साथ संसद को अपवित्र किया, भाजपा नेता ने मनोरंजन डी के बारे में संदेह व्यक्त किया, जिन्हें लोकसभा में प्रवेश करने का पास मिला।
नीलम की मां ने कहा, वह बेरोजगारी को लेकर चिंतित थी...मैंने उससे बात की थी लेकिन उसने मुझे दिल्ली के बारे में कभी कुछ नहीं बताया.। वह मुझसे कहती थी कि वह इतनी योग्य है लेकिन उसके पास कोई नौकरी नहीं है, इसलिए मर जाना ही बेहतर है।
कर्नाटक कांग्रेस की प्रवक्ता लावण्या बल्लाल जैन ने अमित मालवीय के ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह भाजपा सांसद की संलिप्तता को ध्यान में रखते हुए एक नई कहानी बनाने की कोशिश कर रहे हैं।लावण्या ने ट्वीट किया, कल्पना कीजिए कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों में से कोई मुस्लिम होता। कल्पना कीजिए अगर पास विपक्षी सांसदों द्वारा जारी किए गए होते।