नई दिल्ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सांसद रमेश बिधूड़ी और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के मुद्दे पर विपक्ष के रुख पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या देश में महिलाओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग नियम और कानून हैं।निशिकांत दुबे ने X पर एक ट्वीट में कहा, क्या इस देश में हिंदू होना, पुरुष होना गुनाह है? महिला व मुस्लिम के लिए अलग नियम, क़ानून, क़ायदा है? सांसद रमेश बिधूड़ी जी ने दानिश अली सांसद को अपशब्द कहा( जिसे कोई भी सभ्य समाज ग़लत मानता है) पूरे विपक्ष ने उनके पीछे Troll army को लगा कि यदि बिधुड़ी पर कार्रवाई नहीं हुई तो भारत का लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा। पिछले कुछ दिनों से महुआ मेरे माता जी को गाली दे रही है, संसद में हरामी बोल रही है, बिहारी गुंडा, झारखंडी कुत्ता तथा बेहूदा, कमीना बोल रही है लेकिन सभी मौन हैं, पर राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार महिला, पुरुष, हिंदू, मुस्लिम में फर्क़ नहीं करता इसलिए सत्य के लड़ाई में यह गाली व धमकी क्या जान भी हँसते हँसते दे दूँगा। विपक्ष का चेहरा बेनक़ाब होगा।

दानिश अली को बिधूड़ी ने कहे थे अपशब्द

इस साल सितंबर की शुरुआत में, निचले सदन में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के खिलाफ रमेश बिधूड़ी की आपत्तिजनक टिप्पणी से विपक्षी दलों में गुस्सा फैल गया और उन्होंने बिधूड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

निशिकांत दुबे की टिप्पणी मोइत्रा के खिलाफ 'पूछताछ के बदले नकद' आरोप के सिलसिले में गुरुवार को लोकसभा की संसद की नैतिक समिति के सामने पेश होने के कुछ दिनों बाद आई है।

महुआ ने लिखा था बिरला को पत्र

उन्होंने इस प्रकरण को महाभारत के उस अध्याय का संदर्भ देते हुए "कहावतीय वस्त्रहरण (निर्वस्त्र करना)" के रूप में वर्णित किया, जहां कौरवों ने दरबार में पाडवों की रानी द्रौपदी को अपमानित किया था।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में महुआ ने कहा कि बैठक के दौरान उनके साथ ''अनैतिक, घिनौना, पूर्वाग्रहपूर्ण व्यवहार किया गया।''

बसपा सांसद दानिश अली ने महुआ मोइत्रा से पूछे गए सवालों को ''द्रौपदी का चीरहरण'' बताया और जिस तरीके से लोकसभा के आचार पैनल की बैठक आयोजित की गई, उसकी निंदा की।