नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया ने चौथी तिमाही के नतीजे जारी करने के साथ चार रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड का ऐलान किया है। डिविडेंड वह राशि होती है, जो कंपनी अपने मुनाफे में से निवेशकों को देती है।
देश की सबसे बड़ी कोल माइनिंग कंपनी कोल इंडिया की ओर से रविवार को चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए गए थे। वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में कंपनी ने 5,527.62 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है। इससे एक साल पहले समान अवधि में कंपनी को 6,715 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।
वित्त वर्ष 2022-23 की चारों तिमाहियों में कंपनी को 28,125 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 में हुए मुनाफे 17,278 करोड़ रुपये के मुनाफे से 61 प्रतिशत अधिक है। इससे पहले कंपनी को 2018-19 में 17,464 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।
मुनाफे में कमी आने का कारण
कंपनी की ओर से मुनाफे में कमी आने की वजह कर्मचारियों के वेतन संशोधन के लिए किए गए उच्च प्रावधान बताई गई।
आगे कंपनी द्वारा कहा गया कि नॉन-एग्जीक्यूटिव कर्मचारियों का वेतन संशोधन 1 जुलाई, 2021 से लंबित है। यूनियन के साथ वेज एग्रीमेंट फाइलन होना बाकी है। इस कारण कंपनी ने 5,870.16 करोड़ रुपये का प्रवाधान किया है।
एक साल में कोल इंडिया द्वार दिया गया कुल डिविडेंड
वित्त वर्ष 2022-23 की मार्च तिमाही में घोषित किए गए 4 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड को मिला दिया जाए, तो कंपनी कुल 24.25 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंट दे चुकी है। इससे पहले कंपनी फरवरी में 5.25 रुपये प्रति शेयर और नवंबर 2022 में 15 रुपये प्रति शेयर का डिवेडेंड दिया था। कोल इंडिया का शेयर सोमवार (8 मई) को 11 बजे 2.70 प्रतिशत नीचे 231 रुपये पर कारोबार कर रहा था।