विजयनगर थाना क्षेत्र के प्रतीक ग्रैंड सोसायटी की निर्माणाधीन साइट पर तीन साल पहले भाई बताकर युवक की हत्या के मामले में तीन साल बाद मृतक की शिनाख्त हुई है। जेल में बंद आरोपित के मोबाइल से पुलिस ने मृतक की शिनाख्त की है। मृतक लखीमपुर के पिपरावां गांव थाना फूल बेहड़ का रहने वाला बबलू था।

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मुख्य आरोपित कुन्नू लाल ने बबलू को अपने भाई सर्वेश के आधार कार्ड पर नौकरी पर लगवाया था। बिल्डर से मुआवजा हड़पने के लिए आरोपित कुन्नू लाल ने अपने साथी ओेमप्रकाश के साथ मिलकर उसकी हत्या कर शव को बिल्डिंग की 26वीं मंजिल से फेंककर हादसा दिखा दिया था और बिल्डर से मुआवजा वसूलने का नाटक रचा था।

पुलिस ने जांच की तो 26वीं मंजिल पर खून व खून से सना हुआ पाइप मिला। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। अब जमानत पर छूटे ओमप्रकाश को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

हिरासत में लेकर की पूछताछ तो मृतक की हुई शिनाख्त

एसीपी कोतवाली सुजीत कुमार राय ने बताया कि कुछ समय पूर्व ही आरोपित जमानत पर जेल से छूटा था। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि कुन्नू लाल एक बेसिक फोन का इस्तेमाल करता था। इसी फोन से मरने वाला युवक अपने घर बात करता था। मरने वाले युवक को ओमप्रकाश भी नहीं पहचानता था।

ओमप्रकाश ने बताया कि कुन्नू लाल ने हत्या के बाद मोबाइल फोन को पन्नी में लपेटकर बिल्डिंग में ही एक गड्ढे में छिपा दिया था। पुलिस आरोपित की निशानदेही पर फोन बरामद किया और काफी प्रयास के बाद उसे आन किया। इसमें मिले नंबरों पर पुलिस ने फोन करना शुरू किया तो एक नंबर मृतक बबलू की सास के नंबर पर मिला। पहचान होने पर पुलिस लखीमपुर मृतक के गांव पहुंची और मोबाइल में मिले एक फोटो व मृतक के कपड़ों से पहचान की।

ये हुई थी घटना

लखीमपुर खीरी का रहने वाला कुन्नू लाल प्रतीक ग्रैंड सोसायटी में कामगार की नौकरी करता था। वर्ष 2020 में उसने अपने भाई सर्वेश के नाम पर उसका आधार कार्ड जमा कर बबलू की नौकरी लगवाई थी। कुन्नू ने अपने साथी ओमप्रकाश की मदद से युवक की हत्या कर शव को नीचे फेंक दिया और घटना को हादसा दिखाते हुए अपने भाई की मौत बताई और बिल्डर से पैसे लेने का प्रयास किया।

आरोपित ने उसका पोस्टमार्टम भी अपने भाई बनाकर कराया और अंतिम संस्कार भी कर दिया। ओमप्रकाश की जमानत हुई तो कुन्नू लाल ने भी जेल से निकलने का प्रयास किया और दावा किया कि उसका भाई सर्वेश जिंदा है। इस पर पुलिस जांच की तो सर्वेश जिंदा मिला। पुलिस ने सर्वेश का डीएनए टेस्ट कराया तो वह स्वजन से मेल खा गया।

तीन साल से बबलू के इंतजार में बैठा था परिवार

बबलू के परिवार में बूढ़ी मां, छोटा भाई, पत्नी दो बेटी व एक बेटा है। तीन साल पूर्व बबलू गांव से नौकरी करने के लिए निकला था। स्वजन के मुताबिक उनकी कुछ दिन तक तो कुन्नू लाल के मोबाइल पर बात हुई लेकिन पिछले तीन साल से संपर्क टूट गया था। उन्होंने कई बार मोबाइल फोन मिलाया लेकिन नंबर बंद आया। बबलू की बेटी की शादी लायक उम्र हो गई है। सभी स्वजन को यह उम्मीद थी कि बबलू पैसा कमाकर जल्द घर लौटेगा और बेटी की शादी करेगा।

अन्य लोगों की भी हत्या का है अंदेशा

पुलिस को जानकारी मिली है कि कुन्नू लाल लखीमपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। अंदेशा है कि वह पूर्व में भी इस तरह की हत्या कर अपने भाई के नाम पर मुआवजा ले चुका है। गांव में ही एक शव ले जाते हुए उसे ग्रामीणों ने पकड़ा था। इस शव को भाई होने का दावा उसने किया था। पुलिस उसके संबंध में अभी जांच कर रही है।

बिल्डर व कर्मचारियों से भी होगी पूछताछ

एसीपी कोतवाली सुजीत कुमार राय का कहना है कि बिना वेरिफिकेशन के बिल्डर व उनके स्टाफ ने बबलू को नौकरी पर रखा था। इस संबंध में उनसे पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही पुलिस जांच कर रही है कि बबलू गाजियाबाद किसके माध्यम से आया था और उसका संपर्क कुन्नूलाल से किस व्यक्ति ने कराया था।

पुलिस भेज रही तत्कालीन विवेचना अधिकारियों की रिपोर्ट

वर्ष 2020 में विजयनगर थाने में तैनात तत्कालीन विवेचना अधिकारियों की कार्यशैली गैर जिम्मेदार रही है। यदि वह पूर्व में ही जांच सही प्रकार से करते तो घटना का पर्दाफाश होने में तीन साल नहीं लगते। सूत्रों का कहना है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रारंभिक जांच के लिए रिपोर्ट भेजी गई है।