बिहार के समस्तीपुर जिले में रेलवे अस्पताल में पदस्थापित एक डॉक्टर के परिवार को सरकारी बंगला में सील करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। प्रशासन ने डॉक्टर की पत्नी, बुजुर्ग माता-पिता और छोटे पुत्र-पुत्री को बंगला के अंदर ही कैद कर दिया। साथ ही विद्युत लाइन भी बाधित कर दी गई। हालांकि, मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन ने बंगले का गेट खोल दिया है।
डॉक्टर के परिवार को बंगले के अंगर बंद करने की सूचना मिलते ही दैनिक जागरण के संवाददाता तत्काल मौके पर पहुंचे। बताया गया कि समस्तीपुर रेल मंडल मुख्यालय स्थित रेलवे अस्पताल में डॉ शिवाशीष राय बतौर संविदा चिकित्सक के पद पर काम कर रहे थे। 22 मई 2023 को उनका कांट्रैक्ट समाप्त हो गया।
इसके उपरांत प्रशासनिक स्तर पर संविदा अवधि बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही थी। हालांकि, इस बीच 12 जून को रेलवे प्रसाशन ने उन्हें 13 जून को 12 बजे तक बंगला खाली करने का आदेश दे दिया। मंगलवार को 2 बजे तक बंगला खाली नहीं करने पर आरपीएफ ने इंजीनियरिंग विभाग की टीम के साथ डॉक्टर के परिवार सहित बंगला सील कर दिया।
रेलवे के सीनियर अधिकारी के बेटे से हुई थी डॉक्टर की बहस
डॉक्टर के बुजुर्ग पिता ने बताया कि डॉ शिवाशीष सोमवार की रात स्वीमिंग पुल में जाने की बात कहकर निकल रहे थे। इस पर मैंने उसे जाने से मना भी किया। हालांकि, फिर भी वह स्वीमिंग पुल के लिए चले गए। वहां पर रेलवे के सीनियर अधिकारी का पुत्र पहले से मौजूद था। डॉक्टर को स्वीमिंग पुल में जाने से रोका गया, लेकिन वे अंदर प्रवेश कर गए। इसी बात को लेकर रेल अधिकारी के बेटे के साथ डॉक्टर की बहस हुई थी।
फोन करने पर रेल प्रबंधक ने नहीं दिया जवाब
इसके बाद रात में ही इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी बंगला खाली करने के लिए नोटिस लेकर पहुंच गए। इसके 24 घंटे के अंदर मंगलवार दोपहर में ही बंगला को सील कर दिया गया। इस बारे में जब मंडल रेल प्रबंधक आलोक अग्रवाल के मोबाइल पर कॉल किया गया तो उन्होंने रिसीव ही नहीं किया है।