पन्ना। जिले के जंगलों में बाघ तेंदुआ व अन्य वन्य प्राणियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा छोड़कर आराम फरमा रहे हैं जिससे आए दिन वन्य प्राणियों की मौत हो रही है। ताजा घटना के संबंध में जानकारी के अनुसार पन्ना जिले की उत्तर वन मंडल अंतर्गत विक्रमपुर बीट कक्ष क्रमांक- 463 में एक तेंदुए का शव बीते 10 दिनों से भी अधिक समय से जंगल में पड़ा सड़ रहा है जो अब कंकाल में तब्दील हो चुका है। अब उसके केवल चेहरा और पंजे सलामत दिख रहे हैं लेकिन अभी तक वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी बेखबर हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ वन कर्मियों को इसकी जानकारी प्राप्त होने पर इस मामले को छिपाने की कोशिश की जा रही है
इसी क्षेत्र में एक बाघ भी पेड़ से टंगा हुआ मिला था
बता दें कि इसी वन क्षेत्र में कुछ माह पहले एक बाघ भी पेड़ से लटका हुआ मिला था। जो मामला पूरे देश में सुर्खियों में रहा। इसके बावजूद भी बीते 10 दिनों से यहां एक तेंदुए की मौत होने के बाद उसका शव पड़ा हुआ है। जिसकी जानकारी क्षेत्र के बीट प्रभारी रेंजर और वनरक्षक किसी को ना होना यह एक अपने आप में विभाग की उदासीनता को दर्शाता है। जैसे यह खबर सोशल मीडिया में फैली तब कहीं जाकर वन विभाग के आला अधिकारियों की नींद खुली और मौके के लिए रवाना हुए। घटना के संबंध में जब उत्तर बन मंडल अधिकारी और संबंधित वन परीक्षेत्र अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल नेटवर्क से बाहर बता रहा था।