RBI Governor: शक्तिकांत दास ने कहा कि देश की वित्तीय प्रणाली को लेकर सकारात्मक बयान दिया है. उन्होंने कहा, भारत का फाइनेंशियल सिस्टम अमेरिका और स्विट्जरलैंड से पूरी तरह अछूता है.
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
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Indian Banking System: अगर आप पिछले दिनों अमेरिका और स्विट्जरलैंड के बैंक डूबने के घटनाक्रम के बाद भारतीय बैंकों के बारे में सोच रहे हैं तो यह खबर आपको राहत देगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश की वित्तीय प्रणाली को लेकर सकारात्मक बयान दिया है. उन्होंने कहा, भारत का फाइनेंशियल सिस्टम अमेरिका और स्विट्जरलैंड से पूरी तरह अछूता है. बैंकिंग प्रणाली का इस पर किसी तरह से प्रभाव नहीं है. उन्होंने कहा कि देश की बैंकिंग प्रणाली जुझारू, स्थिर और दुरूस्त है.
बैंकिग सेक्टर की स्थिरता का महत्व सामने आया
दास ने कहा कि वैश्वि स्तर पर अमेरिका और स्विट्जरलैंड की बैंकिंग प्रणाली में जो घटनाक्रम हुए उनसे एक बार फिर वित्तीय स्थिरता और बैंकिग क्षेत्र की स्थिरता का महत्व सामने आया है. आरबीआई गवर्नर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और वर्ल्ड बैंक की सालाना बैठक में शामिल होने आए हैं. आपको बता दें एसबीआई (SBI), एचडीएफसी (HDFC), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और पीएनबी (PNB) देश के सबसे बड़े बैंक हैं.
80 फीसदी आबादी के खाते इन बैंकों में
इन चारों बैंकों पर ही भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार टिका हुआ है. देश की करीब 80 फीसदी आबादी के बैंक खाते इन बैंकों में हैं. सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के विफल होने के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'जहां तक भारत की बात है तो भारतीय बैंकिंग सिस्टम, भारत की वित्तीय प्रणाली, ये अमेरिका या स्विट्जरलैंड में हुए किसी भी घटनाक्रम से पूरी तरह से अछूते हैं. हमारी बैंकिंग प्रणाली जुझारू, स्थिर और दुरूस्त है.'
उन्होंने कहा कि बैंकिंग से संबंधित मानकों की बात करें, चाहे वह पूंजी पूर्याप्तता हो, दबावग्रस्त संपत्तियों का प्रतिशत हो, बैंकों का शुद्ध ब्याज मार्जिन हो, बैंकों की लाभप्रदता हो, चाहे जिस भी मानक को देखा जाए, सभी के लिहाज से भारत की बैंकिंग प्रणाली स्वस्थ बनी हुई है.' दास ने कहा कि जहां तक आरबीआई की बात है तो बीते कुछ वर्षों में केंद्रीय बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों समेत पूरी बैंकिंग प्रणाली पर निगरानी और नियमन को बेहतर और सख्त किया है.