देश के कई इलाकों में मौसम का मिजाज लगातार करवट ले रहा है. कभी गर्मी तो कभी बारिश और ठंडी हवाएं लोगों की परेशानियां बढ़ा रही हैं. इस बार मार्च में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. सात दशकों का रिकॉर्ड मार्च के महीने में टूटा है. अंतिम दिनों में कई इलाकों में जोरदार बारिश के साथ-साथ ओले भी पड़े हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस बात का खुलासा भी किया है कि आखिर मार्च के महीन में इस बार रिकॉर्ड बारिश क्यों दर्ज की गई है. इसके साथ ही आने वाले 24 घंटे में मौसम का मिजाज कैसा होगा इसको लेकर भी चेतावनी जारी की गई है. 

इस वजह से मार्च में हुई रिकॉर्ड बारिश दर्ज

दरअसल पहले तो मौसम विभाग की ओर से ये संभावना जताई गई थी कि मार्च के महीने में इस बार मई जैसी गर्मी पड़ेगी. शुरुआती दिनों में ये संभावना सच होती भी लग रही थी. लेकिन इसके बाद मौसम ने ऐसी करवट ली कि सबकुछ बदल गया. तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश और ओले तक पड़े. 

मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मौसम के मिजाज में अचानक आई इस तब्दीली के पीछे दो पश्चिमी विक्षोभ कारण रहे. इनके सक्रिय होने की वजह से ही मार्च में रिकॉर्ड बारिश और तापमान में कमी देखने के मिली. इन विक्षोभों के चलते बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों ही में नमी के स्तर में इजाफा हुआ. यही कारण है कि मार्च में जहां गर्मी बढ़ने की आशंका थी वहीं मौसम ने बर्फीली हवाओं के साथ तापमान ही लुढ़का दिया और रिकॉर्डतोड़ बारिश भी हुई है. मार्च में इस बार 73 वर्षों का रिकॉर्ड बारिश ने तोड़ा है.