आम आदमी पार्टी ने बड़ा एलान किया है. इस साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. आम आदमी पार्टी ने लोगों को जुड़ने के लिए मिस कॉल नंबर भी जारी किया है. इसके साथ ही ये भी वादा किया है कि जो फ्री सुविधाएं पंजाब और दिल्ली में आप सरकार दे रही है. उसे मध्य प्रदेश में भी दिया जाएगा.
पंजाब-दिल्ली में सरकार बनाने के बाद अब आम आदमी पार्टी की निगाहें एमपी में आ टिकी है. मध्य प्रदेश में इसी साल के आखिर में चुनाव है. पार्टी के संगठन महासचिव और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने चुनाव लड़ने का एलान करते हुए कहा, "संविदा कर्मियों को पक्का करना मध्य प्रदेश में AAP का बड़ा मुद्दा होगा, हम यहां भी वो सुविधाएं फ्री में देंगे, जो दिल्ली और पंजाब में दे रहे हैं. चुनाव में वक्त तो कम है, लेकिन चुनाव जनता लड़ेगी, जनता चुनाव लड़ाएगी और उसके लिए समय पर्याप्त है."
इस बयान से आपको समझ में आ गया होगा कि मध्य प्रदेश में भी आम आदमी पार्टी उसी रणनीति के साथ उतरने की तैयारी में है जिसके चलते वह पंजाब और दिल्ली में सत्ता के सिंहासन पर पहुंची और इसी के दम पर वह गुजरात विधानसभा में एंट्री करवाई. वैसे, आम आदमी पार्टी के मध्य प्रदेश की सभी सीटों पर ऐलान के साथ ही कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है. 2018 के विधानसभा चुनाव में जोरदार टक्कर देने वाली कांग्रेस खेमे में ये आशंका है कि कहीं आम आदमी पार्टी गुजरात की तरह ही खेल न बिगाड़ दे.
गुजरात में बीते साल हुए विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था. चुनाव नतीजों के बाद 156 सीट के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. 2017 के मुकाबले बीजेपी को 33 सीट का फायदा हुआ था. आम आदमी को 5 सीटों पर जीत मिली लेकिन उसे मिले वोट शेयर ने सभी को, खासतौर पर कांग्रेस को चौंका दिया. आप को 12.9 प्रतिशत वोट मिले थे. इसके अलावा 35 सीटें ऐसी रहीं, जहां पर आम आदमी पार्टी रनर अप रही.
गुजरात चुनाव में सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा था. पार्टी को सिर्फ 16 सीटों पर जीत मिली. इसके पहले 2017 में कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं. नतीजों पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा था कि आप ने कांग्रेस की जगह खा ली. खेड़ा के इस बयान की आंकड़े भी गवाही देते हैं. 2017 में कांग्रेस को 43 फीसदी के करीब वोट मिले थे जो 2022 में घटकर 27 फीसदी हो गया. कांग्रेस के वोट शेयर में 16 फीसदी की गिरावट आई. ध्यान देने की बात है कि आप को करीब 13 फीसदी वोट मिले. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के वोट आप में ट्रांसफर हुए.
अब आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करके कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है. अगर आम आदमी पार्टी गुजरात की तरह ही मध्य प्रदेश में भी वोटों में सेंध लगाने में कामयाब हुई तो कांग्रेस के लिए राह कठिन हो सकती है. यह सिर्फ विधानसभा चुनाव के लिए नहीं है, बल्कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को झटका दे सकता है. राजस्थान में भी चुनाव लड़ने का एलान आप पहले ही कर चुकी है.
आप के इन ऐलानों के बाद एक सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या आम आदमी पार्टी कांग्रेस को खत्म करके उसकी जगह लेने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस नेता आप पर बीजेपी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हैं. हालांकि, इसका उलटा आरोप बीजेपी की तरफ से भी लगाए जाते हैं, लेकिन आम आदमी के अब तक के प्रदर्शन को देखें तो इसके उभरने से ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही हुआ है. दिल्ली हो या फिर पंजाब, दोनों राज्यों में आम आदमी पार्टी कांग्रेस को हटाकर ही सत्ता के शीर्ष पर पहुंची है. इसके साथ ही गोवा, उत्तराखंड, हिमाचल या फिर गुजरात हो, आप ने जिन प्रदेशों में ताल ठोकी वहां कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल के रूप में है.