अगर आप ये सोच रहे हैं कि कोरोना वायरस (Corona Virus) खत्म हो गया है तो ये आपकी सबसे बड़ी भूल है. अब कोरोना महामारी के प्रति लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है. इसे लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का कहना है कि कोरोना महामारी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी बनी रहेगी. प्रोसिडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (PNAS) में छपी एक रिसर्च में बताया गया है कि कोरोना वायरस के पुराने वैरिएंट अब भी हिरणों में सर्कुलेट हो रहे हैं, जोकि बाद में दोबारा लोगों तक भी पहुंच सकते हैं.

जब से दुनिया में कोरोना वायरस फैल रहा है तब से लेकर अब तक इस बीमारी ने अपने रूप में कई बदलाव किए हैं. मैथ्य और फिजिक्स की तरह कोरोना महामारी के नाम सामने आए. कोरोना के पहले वैरिएंट का नाम अल्फा था. इसके बाद बीटी, गामा, डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट्स ने दुनिया में खूब हाहाकार मचाया. डब्ल्यूएचओ ने इनमें से कुछ वैरिएंट्स को वैरिएंट ऑप कन्सर्न कहा यानी चिंता करने की कोई बात नहीं है, जबकि कुछ संक्रमित और खतरनाक वैरिएंट्स को वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट कहा यानी इन वायरसों पर नजर रखने की जरूरत है.

हॉल ही दिनों में वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट पर हुए अध्ययन से पता चला है कि म्यूटेशन के बाद कोरोना के ये घातक वैरिएंट्स खत्म नहीं हुए हैं, बल्कि उसी स्थिति में हिरणों में अब भी मौजूद हैं. इन वैरिएंट्स की जांच के लिए कॉर्नेल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 2021 के दिसंबर महीने से लेकर अबतक के नमूले लिए. कनाडा और यूएस में मौजूद सफेद पूंछ वाले हिरणों में अब भी अल्फा और गामा वैरिएंट्स हैं.