बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब का गेटवे कही जाने वाली आदि शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ की भूमि लगातार धंस रही है। मकान, होटल जमींदोज होने लगे हैं। ऐतिहासिक नृसिंह मंदिर में भी दरारें आ गई हैं। अब तक 678 मकानों में दरारें आ चुकी हैं।
आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जोशीमठ धंस क्यों रहा है? वैज्ञानिकों के अपने तर्क हैं। सरकार के अपने तथ्य और इंतजामात। जोशीमठ को लेकर चार प्रमुख शोध हो चुके हैं, जिनमें अलग-अलग समय पर शोधकर्ताओं ने अलग कारण बताए। पेश है जोशीमठ भू धंसाव के ऐसे ही पांच कारणों, उन पर शोध रिपोर्ट के तथ्यों और वर्तमान में वैज्ञानिकों के नजरिए पर फोकस यह विशेष रिपोर्ट।
पांच प्रमुख कारण
1- एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना की टनल का निर्माण
2- शहर में ड्रेनेज की व्यवस्था न होना
3- पुराने भू-स्खलन क्षेत्र बसा शहर
4- क्षमता से अधिक अनियंत्रित निर्माण कार्य
5- अलकनंदा नदी में हो रहा भू-कटाव