कानपुर में शीत लहर ने कहर बरपा रखा है. इसकी वजह से हृदय रोग की समस्या बढ़ती जा रही है. गुरुवार को कानपुर के हृदय संस्थान में 723 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचे. इनमें से 40 से ज्यादा मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है. उन्हें ऐहतियातन भर्ती कराया गया है. हृदय संस्थान के डॉक्टरों का कहना है क बीते दिनों 723 में से 39 मरीजों का ऑपरेशन किया गया है. वहीं एक मरीज की एंजियोग्राफी (Angiography) भी कराई गई है. सात लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई. 

वहीं हार्ट और ब्रेन अटैक से भी मौतें सामने आई हैं. यह आंंकड़ा 25 है. इनमें से 17 मामले ऐसे हैं कि जो अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड तक भी नहीं पहुंच पाए हैं. सभी मामलों में हृदय और ब्रेन अटैक आने के बाद लोग बेहोश हुए और खत्म हो गए. विशेषज्ञों के अनुसार, जनवरी माह में कड़ाके की ठंड लोगों के दिल और दिमाग पर असर कर रही है. डॉक्टरों का कहना है कि ठंड में अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने के साथ नसों में ब्लड क्लॉटिंग यानी खून का थक्का जमने लगता है. इस कारण लोगों को हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक आता है. 

कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर प्रोफेसर विनय कृष्णा के अनुसार, शीत लहर में रोगी ठंड से बचाव रखने का प्रयास करें. जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें. शरीर के कई अंकों को खास तरह से ढक कर रखें. कान, नाक और सिर को गर्म कपड़ों से ओढ़े, तभी बाहर निकलें. डॉक्टरों ने 60 की उम्र के ऊपर के लोगों को बाहर न जाने की हिदायत दी है.