पुलिस प्रवक्ता असलम खान ने बताया कि हाशमी चौक पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद कांस्टेबल यासिर के गले में गोली मारी गयी और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी।
बलूचिस्तान में पाकिस्तान की प्रांतीय सरकार (Pakistan’s provincial government in Balochistan) ने प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया है और ग्वादर शहर (Gwadar) में कर्फ्यू लगा दिया है। एक मौलवी मौलाना हिदायतुर रहमान (Maulana Hidaytur Rehman) के नेतृत्व में ‘हक दो तहरीक’ (HDT) से जुड़े प्रदर्शनकारी स्थानीय मछुआरों की कीमत पर ट्रॉलरों द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ने के खिलाफ लगभग दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि ये अपनी आजीविका के लिए पीढ़ियों से मछली व्यापार पर निर्भर हैं।
आमतौर पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन इस हफ्ते हिंसक हो गया जब पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप झड़पें हुईं। बता दें कि मंगलवार को एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी। पुलिस प्रवक्ता असलम खान (Police spokesperson Aslam Khan) ने बताया कि हाशमी चौक (Hashmi Chowk) पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद कांस्टेबल यासिर के गले में गोली मारी गयी और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी।
बलूचिस्तान के गृह मंत्री मीर जियाउल्लाह लैंगोव (Balochistan Home Minister Mir Ziaullah Langove) ने कहा कि प्रांतीय सरकार ने पहले ही HDT की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है और विरोध का कोई कारण नहीं है। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने जाने से इनकार कर दिया। गुरुवार को अधिकारियों को शहर में धारा 144 लागू करने के लिए मजबूर किया गया। वहीं एक महीने के लिए सभी प्रकार की सभा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बलूचिस्तान के गृह मंत्रालय (Balochistan home ministry) ने एक बयान में कहा, “धारा 144 के तहत धरना और पांच से अधिक लोगों के किसी भी अन्य सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सभी प्रकार के हथियारों के प्रदर्शन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।” बता दें कि पाकिस्तान के सिंझोरो (Sinjhoro) शहर में बुधवार को एक हिंदू महिला की जघन्य तरीके से हत्या कर दी गई थी।
HDT ग्वादर में काफी लोकप्रिय है क्योंकि ग्वादर के पानी में अवैध मछली पकड़ने को समाप्त करने जैसी मांगों को समर्थन मिला है। इसकी अन्य मांगों में कुछ सुरक्षा चौकियों को समाप्त करना और पाक-ईरान सीमा पर व्यापार को खोलना भी शामिल है। कथित तौर पर HDT के समर्थन में पासनी, जेवानी और ओरमारा में भी विरोध प्रदर्शन हुए, जो ग्वादर के पास के तटीय शहर हैं।