मध्य प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए आए प्रस्तावों में से 7775 करोड़ का निवेश होने वाला है, इसके चलते 5350 लोगों को रोजगार मिलेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न निवेशकों से चर्चा के दौरान कहा कि निवेश की दृष्टि से मध्यप्रदेश एक आदर्श राज्य बना है. राज्य सरकार की नीतियों के अनुरूप निवेशकों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा. इस चर्चा के जरिए प्रदेश में रॉक फास्फेट से खाद निर्माण की इकाई प्रारंभ करने के कार्य को गति मिलने की राह खुली है. नवीन औद्योगिक निवेश प्रस्तावों के फलस्वरूप प्रदेश में 7775 करोड़ रुपए का निवेश और 5350 लोगों को रोजगार मिलेगा.
मुख्यमंत्री चौहान से इंडियन फॉस्फेट लि. के प्रबंध संचालक रविंदर सिंह ने भेंट कर बताया कि उनका संस्थान प्रदेश के झाबुआ जिले के मेघनगर में लगभग 200 करोड़ रूपए की लागत से संयंत्र की स्थापना कर रहा है. इससे मध्यप्रदेश में किसानों को एसएसपी और डीएपी के लिए अन्य प्रदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. सिंगल सुपर फॉस्फेट के संयंत्र से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इंडियन फॉस्फेट लिमिटेड सागर जिले में डीएपी प्लांट के लिए भी निवेश कर रहा है. झाबुआ और सागर के संयंत्र में लगभग 400 लोगों को रोजगार भी देंगे.
मुख्यमंत्री चौहान से मेसर्स ग्रीनको ग्रुप के प्रबंध संचालक अनिल कुमार चलमलाशेट्टी ने भेंट कर बताया कि नीमच जिले के गांधी नगर में 1440 मेगावाट का पम्पड स्टोरेज प्लांट लगाया जा रहा है, जिस पर 7200 करोड़ रूपए लागत व्यय आएगा. प्रदेश में हॉइड्रो पावर को बढ़ावा देने की यह महत्वपूर्ण परियोजना है. इस संयंत्र के शुरू होने से विद्युत दरों में उल्लेखनीय कमी की भी संभावना है. ग्रीनको ग्रुप की सहयोगी कम्पनी पनारी एनर्जी द्वारा पन्ना में पम्प स्टोरेज के प्रोजेक्ट के लिए इच्छुक है. इससे लगभग 2500 लोग रोजगार से जुड़ेंगे.
मुख्यमंत्री चौहान से आईटीसी लिमिटेड के पदाधिकारी वदीराज कुलकर्णी और रजनीकांत राय ने भेंट कर सीहोर जिले के औद्योगिक क्षेत्र बढ़ियाखेड़ी में 250 करोड़ रूपए के नवीन निवेश के संकल्प से अवगत करवाया. इससे करीब 200 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा.
मुख्यमंत्री चौहान से मुलाकात के दौरान मेसर्स सिद्धायु लाइफ साइंसेज (वैद्यनाथ) के प्रबंध संचालक प्रणव शर्मा ने भेंटकर छिंदवाड़ा जिले में खैरीटैगाँव में निर्माण इकाई के संकल्प की जानकारी दी. जड़ी-बूटियों से दवाओं के निर्माण के लिए करीब 125 करोड़ रूपए की लागत से शुरू होने वाली इकाई से जनजातीय वर्ग को विशेष रूप से लाभ होगा. इस इकाई से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 2250 लोग लाभान्वित होंगे.
इसी तरह मेसर्स ग्रेस वेन्चर प्रायवेट लिमिटेड (इंडो रामा लि. का प्रतिष्ठान) के कार्यकारी निर्देशक विशाल लोहिया और अनुपम सिंघानिया ने भी मुख्यमंत्री चौहान से भेंट कर प्रदेश में निवेश की इच्छा व्यक्त की.