नेपाल सरकार (Nepal Government) ने आम चुनाव (General Election) के तारीख का ऐलान कर दिया है. प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा (Prime Minister Sher Bahadur Deuwa) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक ने 20 नवंबर को संसद के नीचले सदन प्रतिनिधि सभा (Pratinidhi Sabha) के लिए मतदान की तारीख तय कर दी है. कैबिनेट ने प्रतिनिधि सभा के साथ ही देश के सातों राज्यों के प्रदेश सभा का भी चुनाव उसी दिन कराने का ऐलान किया है. एक ही चरण में देशभर में संसद और प्रदेश सभा के लिए वोट डाले जाएंगे.

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आपको बता दें कि नेपाल के निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने बीते छह जुलाई को सरकार के सामने सुझाव पेश किया था. निर्वाचन आयोग के सुझाव के बाद अगले एक महीने तक देउबा सरकार द्वारा इस पर कोई फैसला नहीं लिए जाने के कारण उसे चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा था. नेपाल के संविधान के मुताबिक प्रतिनिधि सभा का चुनाव उसकी कार्य अवधि के पांच साल के भीतर होना चाहिए.

सलिए हुई चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी

दरअसल, चुनाव की तारीखों में देरी से ऐलान के पीछे की सबसे बड़ी वजह नागरिकता कानून को बताया जा रहा है. सरकार नागरिकता कानून में संशोधन पारित करने का इंतजार कर रही थी. जानकारों के मुताबिक, इस संशोधन के पारित हो जाने से नेपाल की सत्ताधारी गठबंधन सरकार को मधेस इलाके में बड़ा चुनावी फायदा मिल सकता है. बता दें कि संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में नागरिकता संशोधन बिल पास हो चुका है. जिसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के पास भेज दिया गया है.

दो चरणों में आम चुनाव के कयास

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने सत्ताधारी गठबंधन में शामिल सभी दलों के साथ एक बैठक की थी. बैठक के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार आम चुनाव दो चरणों में 20 और 21 नवंबर को कराए जा सकते हैं. जबकि निर्वाचन आयोग मतदान को प्रक्रिया को एक चरण में कराए जाने के पक्ष में था.