यदि आप भी किसी गंभीर बीमारी (serious illness)से जूझ रहे हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की है. क्योंकि सरकार ने हार्ट डिजीज, कैंसर, डायबिटीज, टीबी समेत कई अहम बीमारियों की लगभग 384 दवाओं के रेट कम (Reduced rates of 383 medicines) करने का फैसला लिया है. यही नहीं सरकार ने इन सभी दवाओं को राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची (एनएलईएम) में शामिल करने के लिए भी निर्देश जारी किये हैं. साथ ही निजी अस्पताल संचालकों (private hospital operators)को इन मुख्य दवाओं का स्टॅाक हर वक्त अपने यहां रखने की हिदायत भी दी है. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य गरीब लोगों को सस्ता व सुलभ इलाज देना है.
दरअसल, कई बीमारी जितनी गंभीर हैं, उससे ज्यादा उन बीमारियों की दवाएं हैं. जिसके चलते गरीब व्यक्ति दवाएं खरीदने में सक्षम नहीं हो पाता. समस्या को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने दवा कंपनियों को कैंसर, टीबी समेत कई गंभीर बीमारियों की लगभग 384 दवाओं की कीमत करने के लिए कहा है. ताकि गरीब परिवार भी अपना उपचार ठीक से करा पाएं. सरकार के निर्देशानुसार लगभग 384 महत्वपूर्ण जीवनरक्षक दवाओं को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने के निर्देश जारी किये हैं. इनके अलावा लगभग 35 अतिरिक्त दवाएं भी शामिल करने के लिए कहा है. जिन्हें गरीब लोगों को फ्री वितरण करने की बात कही है. इसके अलावा एटेनोलोल और मेथिल्डोपा, रैनिटिडीन जैसी दवाओं को हटाने के भी निर्देश जारी किये हैं.
ये दवाएं हुई एनएलईएम में शामिल
जरूरी दवाओं की बात करें तो टीबी, हार्ट समस्या, कैंसर, नेत्र संबंधी दवाएं, एनेस्थीसिया में उपयोग होने वाली दवाईयों को शामिल किया है. जिनमें नशा छुड़वाने संबंधी दवाएं भी शामिल हैं. इसके अलावा 35 ऐसी दवाएं भी हैं, जिन्हे बिल्कुल फ्री देने के लिए कहा गया है. जानकारी के मुताबिक ये ऐसी इनमें कई ऐसी दवाएं शामिल होंगी जो सर्जरी में यूज की जाती है. वहीं 383 दवाओं के रेट भी कम से कम आधे करने की बात कही गई है.