रोहा के विधायक शशिकांत दास ने रूपकुंवर ज्योतिप्रसादअग्रवाला की कविता "सुंदरै जै फुलार मंत्र" से अपने सम्बोधन का शुभारंभ करते हुवे कहा की आज माँ के चलते ही हमें सफलता मिलहै।माँ द्वारा ही आज हम बौद्धिक, शारीरिक, राजनीतिक और मानसिक तौर पर सबल हुवहै।माँ के त्याग बिना मानव जाती,मानव समाज कभी पुर्णांग नही हो पातहै।माँ को हम अधिस्धात्री की देवी मानते है।

हमारे जीवन में माँ का त्याग और अवदान हमेशा स्मरनिय रहेगा। उक्त बातें आज विधायक शशिकांत दास ने रोहा शंकरदेव शिशु विद्या निकेतन के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष में अनुष्टित मातृ सन्मिलन में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहकर रही। साथ ही सन्मिलन सभा में मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित असम प्रांत राष्ट्रीय सेविका समिति की कार्यवाहीका रिंकी भागवती ने कहा की हमारा सौभाग्य है की आज हम रिषि मुन्नी के देश भारत जिसे हम भारत माँ कहते है वँहा हमारा जन्म हुवहै।प्रत्येक मनुष्य के सफलता में माँ का बडा अवदान होतहै।

माँ के गर्भ में ही संतान संस्कार लेकर जन्म लेता है। साथ ही सभा में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रोहा महाविद्यालय असमीया विभाग की मुरब्बी अध्यापिका डां राजश्री बोरा ने अपनी जन्मदात्री माँ और सासु माँ को याद करते हुवे कहा की आज हमारी माँ ने हमारे लिए कितने त्याग स्वीकार किये है।

समाज परिवर्तन में तिन शक्ति जौडी हुवी है माँ, शिक्षा और धन।साथ ही सभा में उपस्थित सराईबाही आंचलिक माध्यमिक विद्यालय की शिक्षयत्री स्वर्णलता भुंया भी विशिष्ट अतिथि के तौर मंचासिन रह सन्मिलन को सम्बोधितकिया।रोहा शंकरदेव शिशु विद्या निकेतन के नये भवन प्रांगण में प्रात:नौ बजे निकेतन संचालन समिति के सचिव सोमेश्वर बरदलै द्वारा झंडारोहन कर शुभारंभ करने के पस्चात निकेतन की उप प्रधानाचार्य अनामिका दास मेधी द्वारा उद्घाटन की गयी एक रंगारंग संस्कृतिक शोभायात्रा निकली जो रोहा के मुख्य मार्गों से होती हुवा निकेतन प्रांगण में समापन हुवी।शोभायात्रा से समस्त क्षेत्र मुखरित हो गया।सन्मिलन के उपलक्ष में एक हस्तनिर्मित खाद्य सामग्री, कपडों की प्रदर्शनी लगाई गयी जिसका उद्घाटन रोहा पौरसभा की पौरपति वंति हाजरीका ने किया। तत्पश्चात रोहाहायरसेकेंडरी की पुर्व अध्यक्षा तथा निकेतन संचालन समिति की सदस्या विजया गोगोई के संचालन और निकेतन की उप प्रधानाचार्य अनामिका दास मेधी के उद्देश्य व्याख्या के साथ अनुष्टित मातृ सन्मिलन सभा में निकेतन के प्रधानाचार्य प्रफुल्ल कुमार दास द्वारा वर्ष 1998में निकेतन स्थापना से लेकर आज पचीस वर्षीय लम्बी यात्रा पर प्रकाशडाला।

शिक्षयत्री  अविभाकाओं द्वारा वर गीत और मौसमी मुदै और दल द्वारा नृत्य प्रदर्शन की गयी सभा में अध्यक्षा गीतामनी कलिता भुंया,सचिव रूबी देवी,निकेतन संचालन समिति के सचिव सोमेश्वर बरदलै,रोहा हायरसेकेंडकी की पुर्व शिक्षयत्री तथा संचालन समिति की सदस्या ईरू तामुली सहित निकेतन के आचार्य, अविभाविका और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।