विद्यालयों में पांचवीं श्रेणी तक तिवा भाषा को शिक्षा माध्यम करने सहित तिवा प्रधान क्षेत्र में तिवा भाषा प्रचलन की मांग तिवा साहित्य सभा ने की है।

तिवा माखनलाई तख्रा (तिवा साहित्य सभा)के प्रधान सचिव डां विद्युत विकास सेनापति ने एक प्रेस विग्यप्ति के जरिए ईसकी जानकारी देते हुवे असम के तिवा प्रधान क्षेत्रों में प्राथमिक स्तर पर तिवा भाषा प्रचलन की मांग करते हुवे कहा की कामरूप जिले के निविरा स्थित असम नयी तालिम केंद्र में तिवा साहित्य सभा की एक कार्यकरी सभा अनुष्टित हुई।तिवा साहित्य सभा के द्विपेंन्द्र नाथ बरदलै की अध्यक्षता में अनुष्टित सभा में कई महत्त्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श करने के साथ ही प्रस्ताव लिया गयी।

तिवा भाषा को पार्थमिक विद्यालय के पांचवीं श्रेणी तक शिक्षा माध्यम के तौर पर प्रयोग करने का विशेय को विशेष प्राधान्य मिला। गत फरवरी महिने की७तारिख को असम के शिक्षा मंत्री ने तिवा,देवरी,राभा और मिसिंग भाषा को विद्यालयों की पांचवी श्रेणी तक शिक्षा माध्यम के तौर पर प्रयोग करने की घोषणा के पस्चात जनजातिय साहित्य सभा तथा खिलंजीया जनजातिय साहित्य सभा,असम ने संतुष्टि प्रकाश की थी। शिक्षा मंत्री को घोषणा के पस्चात राज्य सरकार के संलिष्ट विभाग के आह्वान पर राज्य की विभिन्न जनगोष्टी साहित्य सभाओं के साथ शिक्षा मंत्री ने दो बार बैठक कर विषय को गति प्रदान करने के लिए प्रयोजनीय कामकाज उपदेश, परामर्श आगे बढा परंतु तिवा,राभा, देवरी मिसिंग भाषा को पांचवीं श्रेणी तक माध्यम करने के संदर्भ में राज्य सरकार के केविनेट में प्रस्ताव नही करने पर तिवा साहित्य सभा सहज तौर पर नही ले पा रही है। ईस संदर्भ में केविनेट में निर्णय ले "गवर्नर नॉटिफिकेशन"अति शीघ्र करने के लिए तख्रा सभा ने सरकार से मांग सी है।तिवा भाषा के चर्चा प्रचार प्रसार के लिए तिवा स्वायत्व परिषद भी पदक्षेप उठाने की चर्चा सभा मेंहुई।साथ ही सभा में तख्रा के तत्वावधान में मरिगांव में अतिशिध्र एक तिवा भाषा डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ करने का प्रस्ताव लिया गया है।तख्रा ने आगामी फरवरी महिने में तख्रा का वार्षिक अधिवेशन अनुष्टित करने और अभिवर्तन के उपलक्ष में तिवा भाषा,साहित्य, समाज संस्कृति विषय पर कई ग्रंथ प्रकाशित करने का निर्णय लिया।