पुणे: नागपंचमी उत्सव के माध्यम से सुंदराबाई मराठे विद्यालय प्राथमिक विभाग के छात्रों को पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण का महत्वपूर्ण संदेश दिया गया। नागपंचमी के अवसर पर सांकेतिक सर्प का पूजन कर विद्यालय के प्राचार्य दलिंबकर सर ने विद्यार्थियों को बताया कि किस तरह से नाग-सांप व अन्य कीटनाशक जीव जैवीक श्रृन्खला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, पर्यावरण की सुरक्षा में किस तरह से योगदान देते हैं।

         महिलाओं और लड़कियों के इस पारंपरिक खेल के मौके पर लड़कियों के लिए मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित अभिभावकों ने जिम्मा, फुगड़ी आदि पारंपरिक खेलों का आनंद लिया। नाग पंचमी के पारंपरिक गीत "चल ग साखे वरुलाला वरुलाला, नागोबाला पुजायला" गाए गए।

       इस मौके पर महिला अभिभावकों के लिए कुकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस तरह तीस माताओं ने विभिन्न दूध उत्पादों के आकर्षक और स्वादिष्ट व्यंजन बनाए थे।

      वैशाली शशिकांत धरम ने प्रथम पुरस्कार, वैशाली सागर गुंदे ने द्वितीय पुरस्कार, सारिका गुलाब टोपे ने तृतीय पुरस्कार और कविता धनाजी बाबर ने उत्तेजनार्थ पुरस्कार जीता।

 इस कार्यक्रम के लिए संस्था के संस्थापक अध्यक्ष विधायक रामभाऊ मोझे, संस्थान के उपाध्यक्ष ज्ञानेश्वर मोझे स्कूल कमेटी के चेयरमैन प्रो. अलकाताई पाटिल का मार्गदर्शन मिला। इस अवसर पर सभी शिक्षक, छात्र और माताएँ उपस्थित थी।